श्रीकृष्ण के लीलाओं में महारास भी मनुष्य को देता है वास्तविक जीवन का सन्देश, राजगीर के सबलपुर में सात दिवसीय श्रीमद भागवत कथा के छठे दिन भगवान श्री कृष्ण के महारास लीला पर भागवताचार्य डॉ हरेकृष्ण शास्त्री शरद जी ने विस्तृत वर्णन किया। नालंदा सी.पी.सेरामिक्स प्रा. लि. कंकड़बाग पटना के संस्थापक एवँ सबलपुर निवासी लल्लू बाबू के प्रथम पुण्यतिथि पर आयोजित श्रीमद्भागवत कथा में श्रद्धालु भक्तिमय माहौल में भाव विभोर हो रहे हैं। कथा संयोजक नवीन सिंह,मुरारी सिंह, भाजपा पूर्व प्रदेश प्रवक्ता अजीत सिंह’ गुड्डू’,अमित आनंद के निर्देशन में कथास्थल पर सम्पूर्ण प्रकार की व्यवस्था की तारीफ श्रद्धालु एवँ भक्तजन कर रहे हैं।
भव्य भागवत कथा में वृंदावन से भागवताचार्य डॉ. हरेकृष्ण शास्त्री ने रविवार को भगवान कृष्ण गोपियों की रासलीला का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि गोपियां रोज भगवान कृष्ण से मिलने वन में जाती थीं तथा महारास में नृत्य करते समय उन्हें यह प्रतीत होता था कि भगवान सिर्फ उनके साथ ही नृत्य कर रहे हैं, जबकि वे सभी के साथ नृत्य करते थे। वहीं उन्होंने बताया कि जब गोपियों को अपने प्रेम का अभिमान हो गया तब भगवान ने उनका अभिमान तोड़ने के लिए गोपियों से कहा कि वे तुला में एक ओर बैठ जाते तथा आप मुझे अपनी धन-दौलत से मेरे वजन के बराबर कर दें, तब सभी ने अपनी पूरी धन-दौलत तुला में डाल दी, लेकिन भगवान के बराबर वजन नहीं कर पाए।
तब भगवान ने तुलसी का पत्ता तोड़कर अपनी तुला की दूसरी ओर रखवाया तब उनका वजन हल्का हो गया तथा तुलसीदल भारी हो गया भगवान ऊपर गए तथा गोपियां लज्जा गई। इसके अलावा गोवर्धन पूजा, माखन चोरी, गोपियों का वस्त्र-हरण आदि कथाएं भी सुनाई। भागवत कथा में समाजसेवी भोला बाबू,गोपाल सिंह,राजेश्वर सिंह,उमेश सिंह,राकेश कुमार, रूबी सिंह,संगीता सिंह,अर्चना सिंह,अंशु सिंह,मनोज सिंह,सुजीत,शिवम,प्रणव,निखिल सहित अन्य भक्तजन उपस्थित थे।