नालंदा के छबील्लापुर, थाना के लोदीपुर मे जनसंहार मे मारे गए लोगों के परिजनों से भाकपा माले के जिला सचिव का सुरेंद्र राम के नेतृत्व में भाकपा माले की टीम ने मुलाकात कर दोषी पुलिस अधिकारियों पर कारवाई और मृतक के परिजनों को 10 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की मांग की |आज भाकपा माले की राज्यस्तरीय टीम ने राजगीर प्रखण्ड के छबीलापुर थाना अंतर्गत लोदीपुर गांव का दौरा कर पीड़ित परिवार के परिजनों और ग्रामीणों से मुलाकात कर घटना का विवरण लिया।ज्ञात हो कि कल 4 अगस्त को भूमि संबन्धित आपसी विवाद में एक पक्ष महेन्द्र यादव के जरिये जनसंहार की घटना को अंजाम दे ज़द्दु यादव;उम्र-50; पिता-स्व जगदेव यादव,पिंटू यादव;उम्र-32 वर्ष;पिता-ज़द्दु यादव,मधेशयादव;उम्र-25 ;पिता-ज़द्दु यादव,धीरेंद्र-यादव;उम्र-45;पिता -परशुराम यादव ,शिवेंद्र यादव ;उम्र-35;पिता-परशुराम यादव ,कुल 5 लोगों को गोलियों से छलनी कर मार दिया गया एवं बिंदा यादव,परशुराम यादव,शंभू यादव,मंटू यादव,मिठू यादव और रोहित कुल 6 लोग घायल हो गए।इनमें से घायल बिंदा यादव पीएमसीएच में काफी ही गंभीर स्थिति में भर्ती हैं।मृतकों में पिता-पुत्र और दो सगे भाई भी हैं।
जांच टीम को पीड़ित परिवार के परिजनों ने बताया कि 50 बीघा के जमीन के बंटवारे को लेकर गोतिया में वर्षों से विवाद था जिसकी सूचना स्थानीय थाना-छबीलापुर, एसडीओ व अंचलाधिकारी-राजगीर को थी और एसडीएम के कोर्ट में सुनवाई चल रही थी।कल एक पक्ष महेंद्र यादव के जरिये विवादित भूमि को जबरन जोता जा रहा था जिसकी सूचना सबेरे 8 बजे ही थानेदार छबीलापुर को दे दी गयी थी कि पुलिस यहां जल्द से जल्द आए ताकि किसी अनहोनी से बचा जा सके पर पुलिस नही आयी।महेन्द्र यादव के जरिये लगभग 50 अपराधी बगल के गांव हलिमचक में सवेरे से आये हुए थे और उनका खाना-पीना चल रहा था।जब गांव के देवी स्थान से लगे जमीन की जुताई 12 बजे दोपहर कल शुरू हुई तो परशुराम यादव,ज़द्दु यादव और उनके बेटों द्वारा विरोध करने पर अपराधियों ने गोली चलाना शुरू कर दिया।करीब दो घण्टे तक हत्यारे गोलीबारी करते रहे और खदेड़-खदेड़ कर हत्या को अंजाम दिया गया।घटनास्थल की सड़क अभी तक खून से भीगी है। मृतक के परिवार की पीड़ित महिलाओं ने कहा कि जब कल 9 बजे सवेरे दुबारा छबीलापुर के थानेदार और राजगीर डी एस पी को सूचना दे यहां आने के लिए कहा गया फिर भी पुलिस इस नरसंहार को अंजाम देकर अपराधियों के भाग जाने के 2 घण्टे बाद पहुंचती है।घटना स्थल से पुलिस थाना महज ढाई किलोमीटर है और 50 की संख्या में अपराधी घण्टों बेलगाम हो गोलियां चला नरसंहार को अंजाम देते रहे।
मृतक के परिजनों ने आरोप लगाया कि पुलिस के इशारे पर ही इस नरसंहार को अंजाम दिया गया है। अभी तक पुलिस ने दो व्यक्तियों को इस मामले में गिरफ्तार किया है। इस अवसर पर भाकपा माले के नालन्दा जिला सचिव का सुरेंद्र राम ने कहा कि स्थानीय पुलिस की भूमिका पूरे मामले में संदिग्ध है।अगर पुलिस ने समय पर संज्ञान लिया होता तो यह नरसंहार की घटना नही घटती।
उन्होंने कहा कि यह घटना बिहार पुलिस अकादमी और स्थानीय थाना के पास के गांव में घटित होती है और हत्यारे घण्टों नरसंहार को अंजाम दे भाग जाते हैं।बिहार के मुख्यमंत्री के गृह जिला नालन्दा की यह हालत बयान करती है कि यहां महाजंगल राज चल रहा है और अपराधियों की तूती बोल रही है।उन्होंने सरकार से सभी हत्यारों की अविलंब गिरफ्तारी के साथ दोषी पुलिस अधिकारियों को अविलंब सस्पेंड कर उन पर कानूनी कारवाई की मांग के साथ पीड़ित परिवारों को 10 लाख रुपये की अनुग्रह राशि भी देने की मांग की है क्योंकि दो परिवारों में सिर्फ महिला और बच्चे ही जिंदा बचे हैं।माले जांच दल में पार्टी जिला सचिव सुरेन्द्र राम के अलावा इसलामपुर प्रखण्ड सचिव उमेश पासवान,मनमोहन,प्रमोद यादव, सुखसागर,पाल बिहारी लाल इमरान, संजय प्रसाद,मो नसीरुद्दीन,गुड्डू जीबी.के आनंद माले नेता एवं ठेला फुटपाथ भेडर्स यूनियन के जिला सचिव रामदेव चौधरी, जिला अध्यक्ष किशोर साव, शामिल थे।
जनसंहार मे मारे गए परिजनों से भाकपा माले के जिला सचिव का सुरेंद्र राम ने मुलाकात किया
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