प्लास्टिक के अनुपयोगी बोतल को भी कई उपयोगों में लाया जा सकता है इसका प्रयोग करके आज नालन्दा कॉलेज के छात्रों ने दिखाया। साप्ताहिक पर्यावरण उत्सव के पाँचवे दिन कॉलेज के छात्रों ने बेकार पड़े प्लास्टिक के बोतल को गमले में तब्दील कर दिया जिसमें विभिन्न प्रकार के फूलों के पौधे को रोपा गया। इस अनूठे पहल के बारे में बताते हुए कार्यक्रम समन्वयक डॉ बिनित लाल ने कहा की हम प्लास्टिक का अपने जीवन में अधिकाधिक प्रयोग करने लगे हैं जो पर्यावरण के लिए काफ़ी नुक़सानदायक है। इस तरह के अनुपयोगी प्लास्टिक का उपयोग कई चीजों में किया जा सकता है|
जिसका एक उदाहरण आज हमारे विद्यार्थियों ने दिखाया। डॉ लाल ने आम जनता से भी अपील की कि प्लास्टिक का उपयोग कम से कम करें और अगर करें तो उसकी उपयोगिता के बाद उसे फेंकने के बजाय घरों को सजाने में किया जा सकता है। उससे विभिन्न तरह की कलाकृतियों को बनाने के अलावे छोटे पौधे को लगाने में किया जा सकता है जिसे घरों में बरामदे से लेकर छतों पर रखा जा सकता है। नवनियुक्त प्राचार्य डॉ रामकृष्ण परमहंस ने भी कार्यक्रम में शामिल होकर छात्रों का उत्साहवर्धन किया एवं इस तरह के कामों को करते रहने की प्रेरणा दी जिससे पर्यावरण को सही मायने में संरक्षित किया जा सकता है। डॉ परमहंस ने प्राचार्य का पदभार ग्रहण करने के पश्चात पर्यावरण उत्सव के अवसर पर परिसर में पौधारोपण भी किया।
इस मौक़े पर मौजूद शिक्षक संघ के सचिव डॉ रत्नेश अमन ने प्राचार्य को बधाई देते हुए कहा की मुझे विश्वास है आने वाले दिनों में भी कॉलेज पर्यावरण से जुड़ी हुई हर मुद्दे पर बात करते रहेगा। कार्यक्रम में शिक्षक डॉ मंजु कुमारी, डॉ भावना के अलावे छात्रों में चन्द्रमणि कुमार, आदित्य रंजन, रोहित तिवारी, कनहैय्या कुमार, रिसभ कुमार, गोविन्दा, अमरेन्द्र, प्रिंस, सुमन्त, प्रिंस सक्सेना आदि मौजूद थे। सोनम, पूजा, सुमन, श्रेयस शुभकन ने घर में ही रहकर इस कार्यक्रम में शामिल हुए।