नालंदा चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज ने कोरोना महामारी के कारण गत 1 साल से अधिक समय से व्यवसाय प्रभावित होने के कारण और आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं केंद्र के मोदी सरकार से व्यवसायियों को आवश्यक राहत पहुंचाने की दिशा में सकारात्मक पहल करने की मांग की है। नालंदा चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के जिला अध्यक्ष अनिल कुमार अकेला ने कहा कि पिछले 2020 एक साल से अधिक समय से कोरोना महामारी के कारण राज्य के छोटे एवं मध्यम व्यवसायियों का व्यवसाय काफी प्रभावित हुआ है उन्हें घोर आर्थिक संकट से जूझना पड़ रहा है दुकान बंद है या खुला व्यवसाय चलाने के लिए आवश्यक खर्च जैसे बिजली बिल,कर्मचारी का भुगतान,टैक्स का भुगतान,दुकान किराया, गोदाम किराया जैसे आवश्यक व्यय का आर्थिक बोझ का वाहन करना उनकी मजबूरी होती है। श्री अकेला ने कहा कि जिला के अधिकतर छोटे एवं मध्यम व्यवसायी बैंक से ऋण लेकर अपना व्यवसाय चला रहे हैं गत 1 साल से अधिक समय से सुचारू रूप से व्यवसाय नहीं चलने के कारण बैंक का ब्याज एवं किस्तों का भुगतान नहीं कर पाए हैं बैंकों का ब्याज एवं किस्तों का भुगतान नहीं करने के कारण वैसे व्यवसायियों पर बैंकों द्वारा भुगतान के लिए जबरन दबाव दिया जा रहा है जिसके परिणाम स्वरूप व्यवसायिक मानसिक आर्थिक एवं सामाजिक परेशानियों से जूझ रहे हैं। ज्ञात हो कि पिछले वर्ष 2020 लॉकडाउन में भारत के वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा किया था लाँकडॉउन के 3 महीना बंद अवधि के कारण सभी व्यवसायियों को ऋण का ब्याज कर दिया जाएगा लेकिन दुख के साथ कहना पड़ता है कि 3 महीना का लॉकडाउन में ब्याज की राशि बैंक ने बाद में एकाउंट से जबरन ब्याज वसूल कर लिया। श्री अकेला ने मोदी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि व्यवसायियों को सिर्फ वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल करती है। श्री अकेला ने कहा देश को विकास की पटरी पर लाने के लिए छोटे मध्यम व्यापारी को लॉक डाउन की अवधि में ब्याज से मुक्त करने की मांग देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी से दोहराई है।
आर्थिक संकट से जूझ रहा है व्यवसायी और केंद्र सरकार व्यवसायियों को वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल करती हैं:- अनिल कुमार अकेला
RELATED ARTICLES