शैलेन्द्र नाथ विश्वास- बिहारशरीफ, 3 जून। बिहार सरकार द्वारा मुखिया, पंचायत समिति सदस्य तथा ज़िला पार्षद आदि के कार्यकाल समाप्ति के बाद परामर्श समिति के गठन करने के निर्णय का भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की नालन्दा जिला परिषद् ने पुरजोर विरोध किया है। बिहार पंचायत निकाय के जनप्रतिनिधियों का कार्यकाल आगामी छह माह बढ़ाने की मांग को लेकर भाकपा कार्यकर्ताओं ने आज बिहारशरीफ के मंसूरनगर स्थित जिला कार्यालय राहुल भवन में कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए एकदिवसीय धरना दिया। आज के धरना का नेतृत्व पार्टी के जिला सचिव रामनरेश प्रसाद, पूर्व सचिव मोहन प्रसाद तथा किसान नेता शिव कुमार यादव ऊर्फ सरदार जी आदि ने किया। धरना को संबोधित करते हुए पार्टी सचिव रामनरेश प्रसाद व पूर्व सचिव मोहन प्रसाद ने कहा कि बिहार में पंचायत निकाय के जनप्रतिनिधि जनता द्वारा चुने गए हैं तथा इनकी जगह परामर्श समिति का गठन किया जाना कहीं से भी न्यायोचित नहीं है। सरकार के उक्त निर्णय की हम कड़ी निन्दा करते हैं। किसान नेता शिव कुमार यादव उर्फ़ सरदार जी ने कहा कि नीतीश सरकार का उक्त निर्णय बिहार में लोकतन्त्र की हत्या है तथा पंचायत प्रतिनिधियों को चुनने वाली सूबे की जनता का घोर अपमान है। बिहार की जनता नीतीश सरकार को सबक सिखाएगी। आज के धरना में भाकपा नेता दिगम्बर ओकील हिमांशु, विजय कुमार पाण्डेय, अजित कुमार यादव, संजय कुमार कुशवाहा, श्याम यादव, अनिल कुमार, विजय पासवान व रणजीत पासवान आदि ने भाग लिया। धरना समाप्ति के पश्चात् जिला सचिव रामनरेश प्रसाद के नेतृत्व में भाकपा के सात सदस्यीय प्रतिनिधिमण्डल ने बिहारशरीफ के प्रखण्ड विकास पदाधिकारी को बिहार सरकार से सूबे के पंचायत निकाय के जनप्रतिनिधियों का कार्यकाल छह माह बढ़ाने की मांग से वर्णित ज्ञापन भी दिया।
पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल 6 माह बढ़ाने को लेकर नालन्दा में भाकपा ने धरना दिया
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