बिहारशरीफ, नालन्दा – महामारी के इस दौर में जनता से सीधी जुड़ी पंचायतों का कार्यकाल बढ़ाने की बजाय निर्णय लेने के अधिकार से वंचित परामर्श दात्री समिति का झुनझुना बिहार सरकार ने जनता को थमा दिया है। सारे अधिकार करशाही के हाथों में होंगे। अनेक पार्टियों ने कार्यकाल बढ़ाने की मांग की थी। लेकिन सरकार ने किसी की नहीं सुनी। सरकार के इस फैसले के खिलाफ आज 3 जून को राज्यव्यापी विरोध का आयोजन आलमगंज, बिहारशरीफ में किया गया। मुखिया, वार्ड सदस्य, सरपंच, पंच आदि सभी पदों को जोड़ दिया जाए तो इनकी संख्या करीब तीन लाख हो जाएगी। इनके कार्यकाल के बढ़ने से जनता के लिए ज्यादा न्याय संगत योजना बन सकती है और उनका बेहतर कार्यान्वयन संभव हो सकता है।अभी भी सरकार को विचार कर पंचायत प्रतिनिधियों के कार्यकाल 6: महीने बढ़ाने का अध्यादेश लाना चाहिए। प्रतिवाद कार्यक्रम में बिहारशरीफ, रहुई के प्रभारी पाल बिहारी लाल, ठेला फुटपाथ वेन्डर्स यूनियन ने जिलाध्यक्ष किशोर साव, जिला सचिव रामदेव चौधरी, माले नेता विनोद रजक, नसीरुद्दीन, जगदीश दास, आदि शामिल थे।
पंचायत प्रतिनिधियों के लोकतंत्रिक अधिकार की रक्षा करने के लिए भाकपा माले के आह्वान पर राज्यव्यापी प्रतिवाद का आयोजन किया गया।
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