राजगीर नगर परिषद कार्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ नगर परिषद में कार्य करने वाले संवेदको ने भी अब नगर परिषद में कार्यरत कनीय अभियंता कुमार आनंद के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सोमवार को शसक्त संवेदक संघ राजगीर के द्वारा आपात बैठक कर संवेदको ने अपनी आवाजे बुलंद करते हुए प्रेस रिलीज जारी की। इस बार संवेदको ने कार्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ आखिरकार बिगुल फूंक ही दिया। विदित हो कि बीते कई माह से ऑडिट रिपोर्ट सार्वजनिक होने के बाद लगातार नगर परिषद में कार्यरत कनीय अभियंता कुमार आनंद के कारनामे लगातार सुर्खियों में थी, जिसमे आंतरिक मद से कनीय अभियंता द्वारा बिना कार्य किये लाखो की राशि की निकासी जगजाहिर हो चुकी थी साथ ही प्राक्कलन निर्माण से लेकर योजनाओं के क्रियान्वयन में भी इनका कमीशन लेकर बंदरबाट कर योजनाओं में लूटखसोट के दर्जनों मामले सामने आ चुके थे बाबजूद इसके राजगीर नगर परिषद बोर्ड एवँ सशक्त कमिटी इनपर कोई भी कार्रवाई नही कर सकी।कनीय अभियंता के खिलाफ मामले अखबारों और सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद वर्तमान अवधि में की जा रही योजनाओं में पूरी तरह गुणवता का ख्याल नगर कार्यपालक पदाधिकारी के दबिश से देखने को मिल रही है लेकिन कमीशन के आदि हो चुके कनीय अभियंता द्वारा फिर से बीस प्रतिशत कमीशन की मांग संवेदको से की जाने लगी।
यही वजह है कि नगर परिषद में निबंधित संवेदको के आक्रोश का गुबार उबल पड़ा और कार्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ बैठक करनी पड़ी।संवेदक देवकांत कुमार,रणवीर कुमार रत्नाकर,ज्योति कुमारी1,ज्योति कुमारी 2,आशुतोष कुमार,संजय कुमार सिंह,जितेंद्र कुमार, संजीव कुमार, गोलू यादव,नवीन कुमार सिंह आदि द्वारा आपात बैठक करने पर मजबूर होना पड़ा।संवेदको ने यह भी आरोप लगाया है कि निविदा रद्द होने बाबजूद अग्रधन के रुप में जमा राशि महीनों बीतने के बाबजूद भुगतान नही किया जाता है।अग्रधन को लौटाने के एवज में नगर परिषद में कार्यरत कर्मी 5 प्रतिशत कमीशन की मांग करता है।संवेदको ने बताया कि योजनाओं के क्रियान्वयन कराने के लिए कार्यादेश तो दे दिया जाता है लेकिन कनीय अभियंता प्राक्कलन नही देता है और मौखिक अपने मन मुताबिक काम कराना चाहता है।
वही जब कार्य योजनाएं संपादित हो जाती है तो राशि भुगतान के पूर्व संवेदको से बीस प्रतिशत कमीशन मांगा जाता है।सभी संवेदको ने एक स्वर में कहा कि जब कार्य मे गुणवत्ता का ख्याल रखा जाता है तो फिर बंदरबाट के लिए बीस प्रतिशत कमीशन बंद होना चाहिए। कार्यालय सूत्रों के अनुसार कनीय अभियंता के खिलाफ गोलबंद हुए संवेदक अबकी बार आर पार के मूड में है । स्थानीय संवेदको ने वरीय अधिकारियों से मामले में पहल करते हुए कनीय अभियंता पर कार्रवाई और कार्यालय की मनमानी पर रोक लगाने की मांग की है।