5 दिनों तक पति की लाश को ले कर रोती रही महिला न तो महिला सशक्तिकरण की बात करने वाले आगे आए और न गांव के अंदर किसी इंसान ने महिला की मदद की मगर जब इंसानियत की जमीन पर सब के वादे खोखले निकले तो इंसानियत की एक उम्मीद नालंदा से PFI के रूप में सामने आई है, दरअसल मामला VIMS पावापुरी का है जहा एक लाश 5 दिनों तक रखी रही|एक व्यक्ति जिनका नाम सुभाष राम जो राजवंसी समाज से आते है उनका कोरोना से मृत्यु दिनांक 20/5/21 को VIMS हॉस्पिटल में हुआ|
उनकी पत्नी कंचन देवी शव को अपने गांव घोहरिया थाना रोह जिला नवादा ले गई वहां गांव वालों ने विरोध किया कहा कि कोरोना बॉडी को अपने गांव में जगह नही देंगे और काफी विरोध के बाद अन्तिमसंस्कार करने नहीं दिया अंत मे शव को वापस VIMS पावापुरी अस्पताल लाया गया बहुत प्रयास करने पर गांव वाले जब तैयार नहीं हुए तो 24/5/21 की रात गिरियक के BDO साहब धर्मेंद्र जी ने PFI नालंदा के जिम्मेदार नदीम राइस को कॉल किया और रात के 10 बजे शव को बिहार शरीफ के 17 नंबर शमशान पहुंचाया | और संस्था ने देर रात करीब 11 बजे बेबस बेसहारा महिला कंचन देवी की मदद की पत्नी ने बताया कि मृतक सुभाष राम के 4 बच्चे हैं दो बेटी और 2 बेटा जोकि सब छोटे छोटे हैं अब उनका ये हाल है कि कोई सहारा नही है कोई आगे पीछे नही है और न तो समाज के लोग उनके साथ है महिला ने रो रोकर कहा कि हमारी मदद किजये हमें इंसाफ दिलाइए,हद तो तब हो गई कि जब PFI के जवानो ने मुखाग्नि के लिए एम्बुलेंस चालक हिंदू भाई को कहा तो वो भी डर के मारे इनकार कर गए जब कोई सामने नहीं आया|
ऐसे में मृतक की पत्नी ने स्वय मुखाग्नि दी, इस घटना के बाद कई लोगो से सवाल बनते है जो धर्म के नाम पर सिर्फ दो धर्म के लोगो को आपस में लड़वाते है बहुत शर्म की बात है लड़वाने वाले लोग अन्तिमसंकर के लिए आगे नही आते आखिर क्यूं गांव वाले कोरोना बॉडी का अन्तिम संस्कार नही होने देते आखिर हमारे अंदर इंसानियत मर क्यूं गई है ? संस्था के लोगो ने सबसे अनुरोध किया कि ऐसा किसी के साथ न करें कोरोना से डरने की जरूरत नही हम सबको मिलकर लड़ने की जरूरत है !