बिहारशरीफ – कोरोना के दुसरे लहर में मरने वालों की संख्या में करीब 3 गुणा वृद्धि ;कोरोना संक्रमण से मरने वालों के अंतिम संस्कार के लिए निगम कर रहा सहयोग | इन दिनों कोरोना का खौफ हर जगह और हर लोगों में समाया है। इसका मुख्य कारण बढ़ते संक्रमण और बढ़ती मौत की संख्या। इन दिनों किसी भी व्यक्ति की मौत हो रही है तो पहला संदेह कोरोना जरूर होता है। चाहे मौत का कारण कुछ भी हो। लेकिन यह भी सच है कि कोरोना के दुसरे लहर में मरने वालो की संख्या में बेतहासा वृद्धि हुई है। इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता। जीता जागता गवाह शहर के श्मशान घाट पर आने वाले शवों की संख्या है। कोरोना काल में श्मशान घाट पर कितनी लाशे अंतिम संस्कार के लिए लाया जा रहा है और पहले की स्थिति क्या थी, 17 नम्बर वाईपास एवं बाबा मणीराम अखाड़ा श्मशान घाट पर स्थिति के बारे में गई जानकारी एवं हकीकत देखने से स्पष्ट हो रहा था कि कोरोना के दुसरे लहर में मरने वालों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है। 12:28 में सबसे पहले 17 नम्बर वाईपास स्थिति श्मशान घाट पर पहुंचा तो वहां कोई उपस्थित नहीं था। निगम के कुछ इलेक्ट्रीशियन खराब लाईन को ठीक कर रहे थे। जानकारी लेने पर पता चला कि रात्री में शव को जलाने में परेशानी होती है इसलिए नगर निगम द्वारा व्यवस्था किया जा रहा है। 17 नम्बर वाईपास स्थिति श्मशान में कोई कर्मी उपस्थित नहीं था। लेकिन वहां पर काफी मात्रा में लकड़ी रखा हुआ था। स्थिति को देखकर स्पष्ट हो रहा था कि कभी विरान रहने वाला श्मशान में काफी संख्या में लाशे जलाई जा रही है। स्थानीय लोगो ने बताया कि 2 साल पहले यहां कोई आता नहीं था। जंगल-झार रहने के कारण यहां विरानी छायी रहती थी। नगर निगम द्वारा इसे साफ कराकर कंपोष्ट पीट बनाया गया है। साथ ही यहां पानी, लाईट की भी सुविधा दी गई। लेकिन पहले यहां कोई नहीं आता था। जब से कोरोना शुरूआत हुई है, लाशे भी जलनी शुरू हो गई है। विगत दो महिना से यहां काफी लाशे जलाई गई है। कौन पॉजिटिव और निगेटिव था इसके बारे में कहा नहीं जा सकता लेकिन काफी संख्या में लाशे जली है।
70 वर्षीय वृद्ध ने कहा कि यहां रोज लाश जलहो। दिन और रात में भी। जब से कोरोना होलो ह तब तक ज्यादा जादे जल रहलो है। पहले तो काेय यहां ऐवो न करहलो। विभागीय आंकड़ा को ही देखा जाय तो वेसे मरीज जिनकी कोविड से मौत हुई है, करीब 20-25 लाशें जलाई गई है। इसमें करीब 5-10 ऐसे मरीजों के शव था जिसका परिजनों ने छोड़ दिया था। वहीं नगर निगम से भी अभी तक करीब 6-7 कोरोना संक्रमित मरीज के शव को अंतिम संस्कार किया गया है। इसके अलावे कई ऐसे लोग भी है जिनकी मौत बिहारशरीफ के सरकारी या नीजी अस्पतालों में मौत हुई है उसका अंतिम संस्कार इसी श्मशान घाट पर किए हैं। स्थानीय लोगो की माने तो कोरोना काल के दौरान यहां 50 से अधिक लाशे जलाई गई है। बाबा मणीराम अखाड़ा स्थिति श्मशान घाट पर लाश जल रही थी और दुसरा जलाने की तैयारी चल रही थी। राजू और मुन्ना यहां के डोम है। और लाश जलाने का काम करते हैं। उन्हेंने जो जानकारी दी इससे स्पष्ट होता है कि कोरोना के दुसरे लहर में मरने वालों की संख्या में करीब 3-4 गुणा वृद्धि हुई है। राजू ने बताया कि यहां प्रति दिन 3-5 लाश जलाया जाता है। पहले एक या दो दिन पर शाम में 1 लाश आता था लेकिन विगत 20 दिन से लाशों की संख्या में वृद्धि हुई है। लेकिन जो लोग एम्बुलेंस से यहां आते हैं उन्हें चला दिया जाता है।
कोरोना के दौरान काोविड से मरने वाले मरीजों के अंतिम संस्कार में नगर निगम भी सहयोग कर रहा है। वैसे लोग लो आर्थिक रूप से कमजोर है या जिसका परिजन छोड़कर चला गया है वैसे लोगों को नगर निगम अपने खर्च पर अंतिम संस्कार कर रही है। नगर आयुक्त अंशुल अग्रवाल ने बताया ने बताया कि अब तक 6 लाशें नगर निगम द्वारा जलाया गया है। इसके लिए पर्याप्त लकड़ी की व्यवस्था की गई है। लेकिन यह सहयोग उन्हीं लोगों को दिया जा रहा है जो खर्च करने में असमर्थ हैं।