संगीत के सुरों में ही सरस्वती वास करती है और गायन ,वादन एवँ नृत्य के अनूठे समावेश यदि एक ही जगह तो यकीनन इसे महज संजोग नहीं कहा जा सकता है बल्कि मां सरस्वती की विशेष कृपा ही कही जा सकती है।ऐसे ही संगीत कला की दुनियां में नाम रौशन करने वाले राजगीर के गिरियक रोड निवासी गायक,संगीतकार कला के जादूगर प्रदीप परदेशी हैं जो नालंदा जिले के लिए गुदड़ी के लाल साबित हो रहे हैं। महज 35 बर्ष के उम्र में ही गायक प्रदीप परदेशी ने संगीत कला की दुनियां में शोहरत हासिल की है।आज उनकी संगीत कम्पनी शिवांगी फ़िल्मस के यूट्यूब पर दस लाख से ऊपर सब्सक्राइबर हैं,जो उनके संगीत की दुनिया मे मेहनत के बदौलत हासिल किया गया खुद का मुकाम है।यूट्यूब द्वारा इन्हें सिल्वर बटन अवार्ड से नवाजा गया है और अब ये गोल्ड बटन अवार्ड के लिए भी चयनित हो चुके हैं।
गरीबी की बदहाल आर्थिक हालात ने गायक प्रदीप परदेशी को 2003 में मैट्रिक पास करने के बाद ही सूरत,मुम्बई,दिल्ली के कल कारखानों में जा कर काम करने पर मजबूर कर दिया,काम के दौरान भी अपने सुरमयी आवाज से वे अपने साथ काम करने वाले लोगो को गीत संगीत का आनंद देते रहते थे। बिहार के बाहर कल कारखानों में दो तीन साल काम करने के बाबजूद बिहार की मिट्टी और संगीत कला के प्रति आकर्षण ने उसे वापस घर लौटने पर मजबूर कर दिया। वे वापस राजगीर लौट आएं और राजमिस्त्री का काम करने लगे।दिन के उजाले में मेहनत कर ईंट जोड़ते थे और शाम के बाद अपने सुरीले गायन से कला का प्रदर्शन। आर्थिक बदहाली इतनी थी कि आराम का मौका नही मिल पाता।शाम और रात में बैंड पार्टियों, स्टेज प्रोग्राम पर महज 50 से 100 रुपये के लिए गाना गाते थे।इन्होंने अपनी सुर,लय और संगीत के समावेश को इतना मजबूत किया कि इनका हर कदम तरक्की के दरवाजे खोलता गया।वर्ष 2017 में अपने घर पर ही इन्होंने शिवांगी रिकार्डिंग स्टूडियो की स्थापना की
।महज तीन वर्षों में इनके स्टूडियो में लाखों गाने तैयार हुए जो बिहार,झारखंड,यूपी सहित अन्य राज्यो में काफी पसंदीदा हुआ।इनके स्टूडियो में अबतक चार से पांच हज़ार गायकों ने गाने गाए हैं,जिनके गीत संगीत की जादूगरी से हर कोई अपने अपने अपने क्षेत्र में मुकाम हासिल कर रहा है। बतौर गायक एवँ डायरेक्टर प्रदीप परदेशी ने बताया कि बिहार के लोकप्रिय कलाकारों कुंदन बिहारी,अनुपम बेदर्दी,अखिलेश लाल यादव,श्रवन शर्मा,कुणाल राज,कुंदन हिंदुस्तानी,विकास लाल यादव,आर्यन अखिलेश ,कुंदन बिहारी,जैसे गायक आज बिहार के संगीत की दुनिया मे छाए हुए हैं। गायक प्रदीप परदेशी ने बताया कि एक गरीब कलाकार काबिलियत होने के बाबजूद आर्थिक परेशानियों के कारण अपने कला को निखार नही पाता है।उन्होंने बताया कि बीते चार वर्षों से वे लगातार गरीब कलाकारो के कला में निखार के लिए लगातार प्रयासरत है ताकि समय रहते ऐसे कलाकार अपने ज़िंदगी को सँवार सके।
प्रदीप परदेशी ने बताया कि शिवांगी फ़िल्मस के बैनर तले शिवांगी रिकार्डिंग स्टूडियो द्वारा ऑडियो वीडियो रिकार्डिंग के माध्यम से बिहार के कला जगत को एक नई ऊंचाई देना चाहते हैं।शिवांगी रिकार्डिंग स्टूडियो में बिहार के विभिन्न जिलों के अलावा ,झारखंड,यूपी,हरियाणा से भी लोग गाना गाने आते हैं।स्टूडियो के मैनेजर भूषण राजा के अलावे सहयोगी अजीत शर्मा,राहुल बलम,पिंटू राज भी सभी कलाकारो को अपनेपन का एहसास कराते हैं।संगीत कला की दुनिया मे इन्होंने शोहरत के साथ साथ समाजसेवा कर अनेक कलाकारों के भविष्य को संवारने का काम किये हैं। गुदड़ी के इस लाल ने एक बार फिर राजगीर और नालंदा की मिट्टी को गौरवान्वित किया है।फिलहाल लॉक डाउन की अवधि में प्रदीप परदेशी सभी कलाकारों को ऑनलाइन सुर और लय के साथ म्यूजिक के अनेक टिप्स देकर समय का उपयोग कलाकारो के संगीत कला को निखारने में कर रहे हैं।