बिहार शरीफ- वीर शिरोमणि,महायोद्धा,महावीर, स्वाभिमानी,मां भारती के सुपुत्र महाराजा महाराणा प्रताप जी का 481वां जन्मोत्सव को आज राष्ट्रीय राजपूत महासभा ने संघर्ष एवं सेवा वर्ष के रूप में आयोजन किया। महाराणा प्रताप का जन्म 1540 ईसवी में राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में हुआ था। उनके अद्भुत युद्ध कौशल एवं आत्म गौरव का ही देन है कि महाराजा होते हुए भी अधिकांश समय जंगलों में अपने सैनिकों को,गरीबों,आदिवासियों के साथ गुजारा लेकिन संघर्ष के साथ समझौता कदापि नहीं किये। उपरोक्त उद्गगार महाराणा प्रताप की चित्र पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए।राष्ट्रीय राजपूत महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ.जीतेंद्र कुमार सिंह ने कहां।
इस अवसर पर प्रधान महासचिव वरीय अधिवक्ता श्री सुरेश प्रसाद सिंह ने महाराणा प्रताप को स्वतंत्रता,त्याग और साहस का प्रतीक बताएं।इस अवसर पर सर्वसम्मति से संपूर्ण बिहार में राष्ट्रीय राजपूत महासभा इनके जन्मोत्सव को संघर्ष और सेवा वर्ष के रूप में आयोजन करने संकल्प लिया।इस अवसर पर श्री निरंजन कुमार सिंह,अधिवक्ता श्री संतोष कुमार सिंह,पत्रकार श्री रवि रंजन सिंह, श्री अखिलेश कुमार उर्फ पप्पू,श्री ओमप्रकाश सिंह,श्री कुमुद रंजन सिंह,श्री बिन्देशर सिंह, प्रो.यशपाल सिंह,डॉ प्रो. कुमार अखिलेश सिंह, अपूर्व उत्कर्ष, विनय कुमार सिंह आदि लोगों ने पुष्पांजलि अर्पित कर विचार व्यक्त किए।