पेड़-पौधे हमारे जीवन का आधार हैं
●विकास की आड़ में लगातार प्रदूषण बढ़ रहा है
बिहारशरीफ-बबुरबन्ना, 02 सितम्बर 2024 : स्थानीय साहित्यिक भूमि बबुरबन्ना मोहल्ले में 1 सितम्बर 2024 दिन रविवार को देरशाम शंखनाद साहित्यिक मंडली के कोषाध्यक्ष समाजसेवी व पर्यावरण प्रेमी सरदार वीर सिंह की पौत्री के छठियार उत्सव पर फलदार पौधा रोपण एवं पर्यावरण प्रेमियों के बीच पौधा वितरण का आयोजन किया गया। समारोह की अध्यक्षता शंखनाद के अध्यक्ष साहित्यकार डॉ. लक्ष्मीकांत सिंह तथा संचालन मीडिया प्रभारी राष्ट्रीय शायर नवनीत कृष्ण ने किया।
मौके पर शंखनाद के महासचिव साहित्यकार राकेश बिहारी शर्मा ने सरदार वीर सिंह के इस प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि अधिक से अधिक पौधे लगाकर अपने शहर को हराभरा बनाएं और पर्यावरण को बचाने में अपनी भूमिका निभाएं। उन्होंने कहा कि दिन-प्रतिदिन प्रदूषित होते जा रहे पर्यावरण को पेड़-पौधे लगाकर काफी हद तक बचाया जा सकता है। गांवों में तो फिर भी पर्यावरण काफी हद तक ठीक है, लेकिन शहरों में जगह की किल्लत और विकास की आड़ में लगातार प्रदूषण बढ़ रहा है। ऐसे में लोगों को पेड़ लगाकर इसे संतुलित करने के लिए आगे आना होगा। पेड़-पौधे हमारे जीवन का आधार हैं। पेड़-पौधे न होते तो पृथ्वी पर जीवन संभव ना होता, जीने के लिए प्राणवायु हमें पौधे ही प्रदान करते हैं।
मौके पर अध्यक्षता करते हुए शंखनाद के अध्यक्ष एवं प्रदेश के चर्चित इतिहासज्ञ डॉ. लक्ष्मीकांत सिंह ने कहा कि विकास के नाम पर पेड़-पौधों को लगातार काटा जा रहा है। ऐसे में आगामी पीढ़ी को स्वच्छ हवा तक नसीब नहीं हो पाएगी। अपनी अगली पीढ़ी को स्वस्थ रखने के लिए लोगों को अभी से इस दिशा में जुटना पड़ेगा। घर पर, धार्मिक स्थानों पर, सार्वजनिक स्थलों पर, सड़क किनारे जहां भी जगह हो, वहां पौधे लगाएं और उनकी देखभाल के साथ ही पानी दें, ताकि वे ठीक से फल-फूल सकें।
संचालन करते हुए मीडिया प्रभारी नवनीत कृष्ण ने कहा कि पेड़ बचेंगे तो ही हम सब बचेंगे। आज के बच्चे ही कल के देश के भविष्य हैं। व्यक्ति को ऑक्सीजन देने वाले पेड़-पौधों को ज्यादा से ज्यादा लगाना चाहिए। पेड़ों को काटने से बचना चाहिए। पर्यावरण की सुरक्षा के लिए लोगोंको एक पेड़ जरूर लगाना चाहिए।
मौके पर पर्यावरण प्रेमी सरदार वीर सिंह ने समारोह में आए हुए लोगों से पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाने के लिए अधिक से अधिक पौधे लगाने और साथ ही उनकी देखभाल करने का आह्वान किया।
पूर्व जिला कल्याण पदाधिकारी राँची अर्जुन मांझी ने कहा कि पर्यावरण सुधारने और इसे बिगाड़ने के लिए मानव ही जिम्मेदार है। ऐसे में हमें पर्यावरण को बेहतर बनाने के लिए अपना योगदान देना चाहिए। उन्होंने कहा पौध रोपण एक दिन नहीं बल्कि परती जमीन पर यह कार्य प्रत्येक दिन करना चाहिए ताकि पृथ्वी पूरा हरा-भरा हो जाय और ऑक्सीजन की कमी नहीं हो।
समारोह में पूर्व अभियंता प्रमुख जल संसाधन विभाग झारखंड सरकार राँची वीरा राम ने कहा कि हमारी संस्कृति और परंपरा में पौधों का महत्वपूर्ण स्थान है।हमारे ऋषियों और मनीषियों ने भी प्रकृति के सानिध्य में रहने तथा अधिकाधिक पेड़ लगाकर प्रकृति के संरक्षण का संदेश दिया है। अपने घरों में तुलसी का पौधा लगाकर उसकी पूजा, वट वृक्ष की पूजा आदि अनेक प्रकार की पूजा पद्धतियां हमें प्रकृति से जोड़ती हैं और इससे उसका संरक्षण होता है।
इस दौरान समाजसेवी धीरज कुमार, मनीष कुमार, विजय कुमार, राम प्रसाद चौधरी, अर्जुन राम,यशपाल सिंह, युवराज सिंह, सुनीता देवी,शोभा देवी, पुतुल देवी, उज्ज्वल कुमार, अवंतिका कुमारी,मंजू देवी, देवशरण पासवान,शकुंतला देवी सहित दर्जनों लोग मौजूद थे।