प्रकृति और संस्कृति को बचाने के लिए नेपाल भारत को एक साथ काम करने की आवश्यकता है – भैया अजित l
अंतर्राष्ट्रीय जैविक विविधता के अवसर पर नेपाल के महोत्तरी जिला के भंगहा नगरपालिका स्थित गेरूका नदी के उद्गम स्थल पर नेपाल भारत के पर्यावरणबिंदो के द्वारा दोनों देशों में बढ़ते प्रदूषण, जैविक विविधता के असंतुलन से निपटने के हेतु विचार विमर्श किया गया lजहां भांगहा नगरपालिका मेयर संजीव शाह उपमेयर शांति कुमारी सिंह, डिवीजन वन कार्यालय, महोतरी संतोष झा, डिवीजन बन कार्यालय, महोतरी पदाधिकारी सुरेश शर्मा, समाजसेवी हरिश्चंद्र यादव,भंगहा नगरपालिका वार्ड पार्षद इंद्रशेखर ने नीम पीपल तुलसी अभियान के संस्थापक डॉ धर्मेंद्र कुमार, स्वच्छता अभियान के ब्रांड एंबेसडर लोक गायक भैया अजीत, ट्रीमैन राम प्रकाश रवि, पर्यावरण योद्धा राजेश शर्मा को सम्मानित किया l दोनों देशों में कटते जंगल की रोकथाम एवं ज्यादा से ज्यादा पेड़ पौधा लगाने, नदी, नहर, तालाब जैसे जल स्रोतों को संरक्षण कर प्लास्टिक पॉलिथीन से धरती को मुक्त करने का संकल्प लिया गया l गेरुका नदी के उद्गम स्थल से लेकर संगम स्थल तक यानी 12 किलोमीटर तक का जयजा लिया गया तथा गेरूका नदी के दोनों किनारो पर 205 पौधे लगाए गए l नेपाल के नदी,नहर,तालाब सूखने पर लोगों ने चिंता जताई वही भैया अजीत ने भारत, नेपाल के नदी, नहर, तलाव के सूखने के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन स्थल राजगीर के पौराणिक काल से ही गरम कुंड के नाम से जाना जाने वाला राजगीर के सूखते गर्म कुंड एवं अर्धनग्न पांच पहाड़ी पर चिंता जताते हुए कहा कि भारत और नेपाल के बीच बेटी रोटी का रिश्ता रहा है हमें संस्कृति एवं प्राकृति पर एक साथ मिलकर काम करने की आवश्यकता है भैया अजीत ने कहा कि पेड़ पौधे के साथ-साथ हमें प्लास्टिक पॉलिथीन पर रोक लगाने की जरूरत है तभी हम नदी, नहर,तलब, पोखरों को बचा पाएंगे l