प्रशिक्षण में आये प्रशिक्षुओं ने शैक्षणिक भ्रमण किया
महेन्द्रू पटना,16 मई 2024 : PTEC महेन्द्रू पटना से नालन्दा जिले के नूरसराय, रहुई एवं परवलपुर प्रखंड के प्रशिक्षु शिक्षक
लगभग 3.30 बजे राज्य शिक्षा शिक्षण शोध संस्थान महेन्द्रू पटना में शैक्षणिक परिभ्रमण के लिए व्यख्याता प्रो.श्रीमती प्रेरणा कुमारी एवं व्यख्याता मो.मंसूर आलम जी एवं ICT प्रभारी चंदनकुमार के मार्गदर्शन में पहुंचा।
परिभ्रमण के दौरान संस्थान का विराट पुस्तकालय, रसायन विज्ञान, भौतिक विज्ञान एवं गणित के प्रयोगशाला का भ्रमण करवाया गया। जिसमें विभिन्न प्रकार के रोचक तथ्यों से अवगत करवाया गया।
यह संस्थान पांच मंजिला है। जिसमें ग्राउंड फ्लोर पर पार्किंग तथा लिफ्ट की व्यवस्था के साथ-साथ 14 नवम्बर 2023 से पब्लिक लायब्रेरी उप्लब्ध करवाया गया। इस लायब्रेरी में प्रतियोगिता सम्बंधित पुस्तकें उप्लब्ध हैं। जिनका उपयोग पांच सौ रूपये प्रति माह शुल्क जमा कर कोई भी विद्यार्थी इसका उपयोग कर सकता है। संस्थान के प्रथम तल पर कुछ महत्वपूर्ण उपयोगी पुरानी वस्तुएं देखने को मिली। द्वितीय तल पर शोध एवं प्रशासनिक कार्यों का संपादन किया जाताहै। जोकि हम लोगों के लिए उपयोगी नहीं है। इसमें 11 विभाग का शोध कार्य होता है। तृतीय तल पर रिकार्डिंग रूम एवं ICT लैब उपलब्ध है। इस रिकार्डिंग रूम में कोई भी शिक्षक या प्रोफेसर, व्यख्याता अपने विषयों के सम्बंधित पाठ का रिकार्डिंग करवाते हैं, जो कि दुरस्थ बच्चों के लिए लाभकारी एवं हितकर होता है। चतुर्थ तल पर पुस्तकालय है। इस पुस्तकालय में बच्चों से लेकर शोधार्थियों के लिए लगभग 35 हजार पुस्तकें उपलब्ध है। जोकि कई साल पुरानी दुर्लभ तथा नई पुस्तकें उपलब्ध हैं। इसका रखरखाव व उनके बारे में जानकारी प्राप्त की और मुख्य इमारत के बाहर व अन्दर का नजार देखा।
मौके पर व्यख्याता महोदया श्रीमती प्रो प्रेरणा कुमारी ने इस शैक्षिक परिभ्रमण के दौरान कहा कि इस परिभ्रमण का उद्देश्य बौद्धिक क्षमता का विकास तथा सामाजिक-सांस्कृतिक प्रक्रियाओं को समझना है जिसके माध्यम से छात्र इस भ्रमण में सीखते हैं।भ्रमण हमारे किताबी ज्ञान में वृद्धि करता है। भ्रमण के सहारे हमें वास्तविकता दिखता है। भ्रमण से पुस्तकों में पढ़ी धुँधली छवि प्रकाशित होकर साकार हो जाती है।भ्रमण संसार के व्यावहारिक ज्ञान को प्राप्त करने का सुनहरा अवसर प्रदान करता है। उन्होंने बतायाकि भ्रमण के दौरान तरह-तरह के व्यक्तियों से हमारा संपर्क होता है। यदि हम चौकन्नी निगाह रखकर भ्रमण करें और अपने दिल और दिमाग के खिड़की और दरवाजे सभी खुले रखें तो हमें भ्रमण से संसार के व्यक्तियों और घटनाओं का इतना व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त हो जायेगा जो किसी भी पुस्तक में नहीं मिल सकता।
इस परिभ्रमण में प्रशिक्षु राकेश बिहारी शर्मा, इफ्तेखार अहमद, पूजा कुमारी, पुष्पेश कुमार, कौशलेंद्र कुमार, अवनीश कुमार, जीनत परवीन, पिंकी कुमारी, विंदु कुमारी सहित 280 प्रशिक्षु शिक्षक एवं शिक्षिका ने परिभ्रमण किया।