विकास की गाथा लिखने वाले नीतीश कुमार के गृह क्षेत्र नालंदा जिले में विकास की राह में अनेक बाधाएं हैं। चंडी प्रखंड के तुलसीगढ़ पंचायत का महमदपुर गांव इसका जीता जागता उदाहरण है। पिछले 10 सालों से ग्रामीण ‘मुहाने नदी’ पर पुल की मांग को लेकर वोट बहिष्कार कर रहे हैं। इस बार भी लोकसभा चुनाव 2024 में ग्रामीणों ने पुल निर्माण की मांग को लेकर वोट बहिष्कार की चेतावनी दी है। महमदपुर गांव तक पहुंचने के लिए ग्रामीणों को चंडी इंजीनियरिंग कॉलेज से 6 किलोमीटर और नरसंडा एनएच से 5 किलोमीटर का चक्कर लगाना पड़ता है। स्कूल, अस्पताल, बैंक जैसे ज़रूरी स्थानों तक जाने के लिए उन्हें 8 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है।अगर ‘मुहाने नदी’ पर पुल बन जाए तो जलालपुर, रैठा, कोरूत, ढकनीय, मुबारकपुर समेत आसपास के आधे दर्जन गांवों के लोगों को तुलसीगढ़ जाने के लिए केवल 1 किलोमीटर का रास्ता तय करना होगा। इस समय ग्रामीण 15 साल पहले श्रमदान से बनाए गए चचरी पुल का इस्तेमाल कर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि कई बार प्रशासन ने पुल निर्माण की पहल की, लेकिन ये सिर्फ कागजों तक ही सीमित रहा।ग्रामीणों ने प्रशासन से जल्द से जल्द पुल निर्माण की मांग की है। अगर उनकी मांग पूरी नहीं होती है तो वे इस बार भी चुनाव का बहिष्कार करेंगे।
10 सालों से ग्रामीण ‘मुहाने नदी’ पर पुल की मांग को लेकर वोट बहिष्कार कर
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