बिहारशरीफ के मूसेपुर गांव में डॉक्टर भीमराव अंबेडकर संघर्ष विचार मंच के तत्वाधान में महाराज छीता पासी के चित्र पर माल्यार्पण कर पुष्प अर्पित करते हुए धूमधाम के साथ जयंती मनाई गई। इस अवसर पर डॉक्टर भीमराव अंबेडकर संघर्ष विचार मंच के प्रदेश अध्यक्ष रामदेव चौधरी ने कहा कि उत्तर प्रदेश के छितियापुर के राजा महाराजा छीता पासी था। छितियापुर को राजा छीता पासी ने अपने नाम से नगर बसाया था। जिसके ध्वंसवशेष से टीले के रूप में आज भी देखा जा सकता है, जिसे पहले छीता पासी के टीला नाम से जाना जाता था । जो आज आधुनिक भारत के उत्तर प्रदेश में सीतापुर के नाम से जाना जाता है। राजा छीता पासी का समय काल 12वीं सदी माना जाता है। राजा सीता पासी कन्नौज के राजा जयचंद और आल्हा ऊदल एवं लखनऊ बिजनौर के महाराजा बिजली पासी उन्नाव के राजा सातन पासी समकालीन थे ऐसा मत है कि गाजर के कर वसूलने के प्रश्न को लेकर कन्नौज के राजा जयचंद से बात बिगड़ गई थी और जयचंद ने गाजर का कर वसूलने के लिए गाजर पर चढ़ाई की थी लेकिन असफल रहा लगातार 12 साल तक वह पासी राजाओं से कर वसूल नहीं कर पाया और वह पराजित भी हुआ गाजर के समस्त पासी राजाओं को लामबंद कर महाराजा बिजली पासी ने जयचंद से गाजर के लिए मोर्चाबंदी की थी, जिसमें राजा छीता पासी भी शामिल थे। जिनका किला वर्तमान सीतापुर में भग्नावशेष रूप में सुरक्षित है जिसमें राजा चिता पासी भी आदमकद मूर्ति स्थापित है। सीतापुर में पासियों द्वारा शासित केंद्र मोहाली, मितौली, सिधौली,विसवां लहरपुर, खैराबाद, मिश्रिख, मुहमदाबाद आदि था।11वीं और 12वीं सदी में पासी राजाओं का शासन था। जैसे महाराजा सुहेलदेव पासी, महाराजा लाखन पासी, महाराजा बिजली पासी महाराजा लहरा पासी आदि राजाओं का बोलबाला था।इस अवसर पर डॉक्टर भीमराव अंबेडकर संघर्ष विचार मंच के महासचिव महेंद्र प्रसाद कुशवाहा सहसचिव मोहन चौधरी धुरी चौधरी अशोक चौधरी प्रमोद चौधरी अरुण चौधरी अनुज चौधरी मोहन मियां आदि लोगों उपस्थित थे।
महाराज छीता पासी का जयंती हर्षल्लास के साथ मनाई गई।
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