Sunday, December 22, 2024
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भिखारी ठाकुर के नाम पर बने कला महाविद्यालय-एआईएमसीईए

बिहार शरीफ । भोजपुरी के शेक्सपियर लोक कलाकार भिखारी ठाकुर जी का जयंती पखवारा कार्यक्रम के तहत 136 वी जयंती ऑल इंडिया महापद्मनंद कम्युनिटी एजुकेटेड एसोसिएशन( एआईएमसीईए)
जिला इकाई नालंदा के बैनर तले श्री हिंदी पुस्तकालय सोहसराय में मनाई गई । सर्वप्रथम लोक कलाकार भिखारी ठाकुर जी के तैल चित्र पर उपस्थित गणमान्य लोगो ने माल्यार्पण किया ।मौके पर सामाजिक सांस्कृतिक क्रांति के अग्रदूत भिखारी ठाकुर नामक विषय पर संगोष्ठी आयोजित की गई ।मौके पर उपस्थित संगठन के संरक्षक दीनानाथ शर्मा ने लोक कलाकार भिखारी ठाकुर की जीवनी पर विस्तार पूर्वक प्रकाश डालते हुए कहा कि भिखारी ठाकुर भोजपुरी के शेक्सपियर थे ।वे एक महान लोक कलाकार थे । उन्होंने विदेशिया के माध्यम से विश्व स्तर पर कीर्तिमान स्थापित किया।

भिखारी ठाकुर के नाम पर बने कला महाविद्यालय-एआईएमसीईए

वही महिला नेत्री प्रेम शीला कुमारी ने कहा भिखारी ठाकुर अपने नाटक के माध्यम से सामाजिक कुरीतियों पर करारा प्रहार करते थे ।वे सांस्कृतिक क्रांति के योद्धा थे । वे सामाजिक कुरीतियों के विरुद्ध जीवन भर आबाज उठाते रहे।
मौके पर ऑल इंडिया महापद्मनंद कम्युनिटी एजुकेटेड एसोसिएशन के प्रदेश उपाध्यक्ष दीपक कुमार ने कहा कि
भिखारी ठाकुर भोजपुरी के समर्थ लोक कलाकार, रंगकर्मी व लोक जागरण के सन्देश वाहक थे। वे नाटक के माध्यम से
सामाजिक कुरीतियों के विरुद्ध आजीवन आवाज उठाते रहे । भिखारी ठाकुर का जन्म 18 दिसम्बर 1887 को बिहार के सारन जिले के कुतुबपुर (दियारा) गाँव में एक नाई परिवार में हुआ था। उनके पिताजी का नाम दल सिंगार ठाकुर व माताजी का नाम शिवकली देवी था। 10 जुलाई 1971 को चौरासी वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया।

मौके पर वक्ताओं ने भिखारी ठाकुर के नाम पर कला महाविद्यालय खोलने की मांग की ।साथ ही उपस्थित कार्यकर्ताओं ने कहा कि भिखारी ठाकुर सामाजिक सांस्कृतिक क्रांति के अग्रदूत थे ।वक्ताओं ने कहा कि भिखारी ठाकुर की कृतियो में
बिदेशिया, भाई-बिरोध
बेटी-बियोग या बेटि-बेचवा
कलयुग प्रेम,गोबर घिचोर
गंगा स्नान (अस्नान)
बिधवा-बिलाप, पुत्रबध
ननद-भौजाई,बहरा-बहार,
कलियुग-प्रेम,राधेश्याम-बहार,बिरहा-बहार,
नक़लभांड अ नेटुआ ,
अन्य शिव विवाह, भजन कीर्तन: राम, रामलीला गान, भजन कीर्तन: कृष्ण, माता भक्ति, आरती, बुढशाला के बयाँ, चौवर्ण पदवी, नयी बहार, शंका समाधान, आदि अनेकों प्रसिद्ध रचनाएं है । भिखारी ठाकुर वास्तव में एक महान अनगढ़ हीरा, लोक कलाकार व सांस्कृतिक विभूति थे ।
मौके पर साधना कुमारी ,चांदनी कुमारी ,आयुषी कुमारी , ,प्रेमशिला जी,मोनी कुमारी के अलावे दर्जनों गणमान्य लोग मौजूद रहे ।

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