Sunday, December 22, 2024
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भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के कद्दावर व सक्रीय नेता विजय कुमार यादव

राकेश बिहारी शर्मा – भौतिकवादिता, आधुनिकता, व्यक्तिगत ईर्ष्या, जातिगत द्वेष और क्षेत्रीयता आदि की भावना चारों ओर दिखलाई पड़ रही है। भारतीय समाज में परम्पराओं एवं रूढ़िवादिताओं का आधिपत्य रहने से, अंदर से यह व्यवस्था अनेक जटिलताओं से घिर चुकी है। एक तरफ आर्थिक सामाजिक विकास की चाह व दूसरी तरफ परम्परागत रूढ़िवादी मूल्य। अतः अब समय आ गया है कि बुद्धिजीवी इस तरह के कार्यों को न करें और शोषित वर्ग अपनी भूमिका को इस ओर ईमानदारी से निर्वाह करने की कोशिश करें। भूमण्डलीकरण की प्रक्रिया में मानव, मानव होगा न कि शोषित व सवर्ण के रूप में पहचाना जायेगा। आवश्यकता अविष्कार की जननी होती है, आज पारम्परिक सामाजिक व्यवस्था में परिवर्तन समय की मांग है। जिसमें वर्ग भेद खत्म होगा और कोई भी दीन-हीन नहीं होगा। निश्चय ही अच्छे कार्यों को अपनाकर, सामाजिक मूल्यों को मानकर, एक स्वच्छ परम्परा की नींव डालकर भारतीय समाज सुनहरे भविष्य की ओर अग्रसर करने के लिए कॉमरेड विजय कुमार यादव जी का प्रादुर्भाव हुआ। नालंदा में अनेक नेता उभरे, जिन्होंने विशेषकर नालंदा व बिहारशरीफ में सामाजिक और राजनैतिक क्षेत्रों में निर्णायक भूमिकाएं अदा कीं।

कॉमरेड विजय कुमार यादव जी का जन्म और पारिवारिक जीवन

नालंदा के पूर्व सांसद व भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के कद्दावर व सक्रीय नेता विजय कुमार यादव का जन्म ब्रिटिश शासन काल में आधार कार्ड एवं पैन कार्ड के अनुसार 4 नवम्बर 1932 में उस समय के तत्कालीन पटना जिला वर्तमान में नालंदा जिले के बिहार शरीफ अनुमंडल के सोहसराय में हुआ था। इनके पिता का नाम रामेश्वर प्रसाद और माता का नाम भगवती देवी था। भगवती देवी का जन्म फतुहा के भिख्खो चक में हुआ था। विजय कुमार यादव जी दो भाई और तीन बहन थे। विजय कुमार यादव के छोटे भाई का नाम इंद्रदेव प्रसाद यादव और बहन सुमित्रा देवी, सरस्वती देवी और छोटी बहन चन्द्रवती देवी थी। कॉमरेड विजय कुमार यादव जी बचपन से ही मेधावी और कॉमनिस्ट विचारधारा एवं समाजसेवा से जुड़े रहते थे।

कॉमरेड विजय कुमार यादव का राजनीतिक जीवन
कॉमरेड विजय कुमार यादव जी समतामूलक, वर्गविहीन समाज की स्थापना करना चाहते थे। ये बिहारशरीफ व्यवहार न्यायालय में वकालत के दौरान राजनीति में सक्रिय हुए थे। उन दिनों मुख्य मंत्री केवी सहाय थे। केवी सहाय के नेतृत्व वाली सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ नालंदा भाकपा ने कड़ा विरोध किया था। नालंदा में उस विरोध आंदोलन की कमान कॉमरेड विजय यादव ने ही संभाली थी। वे 1965 से राजनीति में सक्रिय हो गए थे। नालंदा के 25-30 हजार बीड़ी मजदूरों का नेतृत्व किया। उनकी एक आवाज पर नालंदा के सभी बीड़ी मजदूर और उनके परिवार सड़क पर निकल पड़ते थे। बीड़ी मजदूरों के हित की कई लड़ाई का नेतृत्व किया और मजदूरों को उनका हक दिलाने की हमेशा प्रयत्न करते रहे।

बीड़ी मजदूरों ने विजय कुमार यादव को सेकेंड हैंड जीप खरीदकर दी

पहले जाति-पाती का भेदभाव नहीं रहता था। चुनाव के लिए पैसे की चिंता कॉमरेड विजय कुमार यादव को नहीं रहती थी। कार्यकर्ता और पार्टी खुद ही व्यवस्था करती थी। उस जमानें में बिहारशरीफ के 25-30 हजार बीड़ी मजदूरों का कुशल संगठनकर्ता और नेतृत्वकर्ता थे कॉमरेड विजय कुमार यादव। बीड़ी मजदूरों के समर्थन से ही विजय कुमार यादव पहली बार 1967 में बिहारशरीफ विधान सभा क्षेत्र से विधायक चुने गए थे। उस समय उन्हें चुनाव लड़वाने के लिए बीड़ी मजदूरों ने चवन्निया चंदा संग्रह किया था। सभी बीड़ी कामगारों ने पच्चीस-पच्चीस पैसे चुनावी चंदा एकत्र किया था। यहीं से उनकी राजनैतिक संसदीय जीवन की शुरुआत हुई थी। वर्ष 1984 में कार्यकर्ताओं ने ही सेकेंड हैंड जीप खरीदकर दी। उस समय 15 हजार रुपये में जीप खरीदी गयी थी। आज भी वह जीप रखी है। पहले चुनाव प्रचार इतना खर्चीला नहीं था। दीवार लेखन, पर्चा आदि से प्रचार होता था। नालंदा के गांव-गांव में बैठकें होती थी। जहां शाम हुई, वहीं पर कार्यकर्ता के यहाँ रुक जाया करते थे। गांव के कार्यकर्ता ही खाने और सोने की व्यवस्था करते थे। एक दिन में 14-15 किलोमीटर पैदल चलना होता था।कॉमरेड विजय कुमार यादव भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के कद्दावर एवं सक्रीय नेता थे। वर्ष 1967 से 1977 तक बिहारशरीफ से बिहार विधानसभा के सदस्य रहे थे। इसके बाद 1980 के बाद 1984 में लगातार दो बार नालंदा लोकसभा के सदस्य रहे और फिर 1991 में हुए लोकसभा के चुनाव में फिर एक बार जीत दर्ज करके संसद में पहुंचे थे। 1996 में उन्होंने एक बार फिर लोकसभा चुनाव लड़ा, लेकिन उसमें उनको हार का सामना करना पड़ा। वे एक राजनेता के साथ-साथ दिग्गज वकील भी थे।

कॉमरेड विजय कुमार यादव के पुत्र श्रीबल्लभ की हत्या

कॉमरेड विजय कुमार यादव का मात्र एक ही बेटा श्रीबल्लभ कुमार यादव था जिनकी शादी धर्मशीला कुमारी से हुई। धर्मशीला कुमारी के दो पुत्र सत्य प्रकाश यादव और दूसरा शशि प्रकाश यादव हैं। पुत्र श्रीबल्लभ कुमार यादव की वर्ष 1999 में बैंक में ही हत्या हो गयी। जिस ग्रामीण बैंक में श्रीबल्लभ जी काम करते थे वहां लूटपाट करने आये डकेतों से वह अकेले भीड़ गये थे, और उसी दौरान उन्हें गोली मारकर हत्या कर दी। उनकी बहू धर्मशीला कुमारी जी वर्तमान समय में प्रयाग लाल साहू उच्च विद्यालय सोहसराय में प्रधानाध्यापिका के पद पर कार्यरत हैं।

कॉमरेड विजय कुमार यादव का निधन

91वर्षीय भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के पूर्व सांसद कॉमरेड विजय कुमार यादव का निधन 23 सितम्बर 2023 दिन शनिवार की सुबह आठ बजे पैतृक आवास सोहसराय, बिहारशरीफ में हो गया। इनका दाहसंस्कार बाढ़ के गंगा घाट पर किया गया।

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