राजगीर -वीरायतन रोड ऋषिधाम राजगीर में आयोजिय अध्यात्मिक राजकीय मलमास मेला के शुभ अवसर पर प्रज्ञा पुराण कथा करते डॉ सुखनारायण भैया जी ने कहा पूजा किसकी करे ? किसकी नही ? लोगो को समझ में ही नही है कोन देवता है ? कौन देवी ? पूजा करो आपकी अपने देवता की देवत्व कि अपने भीतर की आप के भीतर देवत्व भरा पड़ा है ।साधना किसकी करते हो साधना अपनी जीभ की करो जीभ की करामत देखा होगा अपने जीभ की स्वाद को साधिए देखिए दूसरे दिन से सेहद आप की अच्छी रहती है की नही बगैर पूजा पाठ के विश्वास दिलाया हूँ की ये सारा शिक्षण पूजा कथा देवताओं को गिरफ्तार करने की नही है,फुसलाने की नही है बरगलाने की नही है फुसलाना है तो अपने आप को फुसलाओ , हाथ किसको जोड़ते हो हाथ अपने आप को जोड़ो नमस्कार अपने को कीजिए और कहिए हे आत्मन देवता हम आप के शरण में आए है हमारी दया करो हे दयालु बाहर तुम्हारी आवाज कोई सुनने वाला नहीं है तुम्हारे अंदर जो सुपर मैन बैठा हुआ है, उसे अति मानव कहते है ये हमारे भगवान है इसे कहिए हे हमारे देव ,प्रसन्न रहिए ,हमारे ऊपर करुणा कीजिए ।
हम किसके शरण में रह रहे है अनाचार,वासनाओं,तृष्णाओ ,अहंकार,लोभ , मोह,घृणा द्वेष ,भेदभाव, सब की शरण में भटक रहा हूँ हम इसे स्वीकार करते है उस परमात्मा को कहिए जो पुरुष जीव में है और पुरुषोत्तम उस श्रेष्ठता को कहते है जो हमारे भीतर रहता है l इस कार्यक्रम को सफल बनाने में सिद्धनाथ ,भोली यादव ,त्रिकितनारायण, रॉकी आदि के दर्जनों की संख्या में श्रद्धालु मलमास मेला में आए भजन कथा का आनंद ले अपने जीवन को धन्य बनाया।
ऋषिधाम राजगीर में अध्यात्मिक मलमास मेला में प्रज्ञा पुराण कथा का आयोजन।
RELATED ARTICLES