राकेश बिहारी शर्मा – विश्व वर्षावन दिवस एक वार्षिक उत्सव है जो प्रत्येक वर्ष 22 जून को मनाया जाता है। यह वर्षावनों के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने और उनके संरक्षण और टिकाऊ प्रबंधन को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है।
असल में वर्षावन वे जंगल हैं जहां अत्यधिक मात्रा में बारिश होती है। पेड़-पौधो की कई सारी प्रजाति व कीड़े तथा सुक्ष्म जीवों की भी कई सारी प्रजाति इन्ही वर्षावनों में निवास करती है। कई सारे सरीसृप, पक्षी व स्तनधारी जीव भी इस क्षेत्र में पाए जाते हैं धरती के कुल 28% ऑक्सीजन की प्राप्ति भी हमें यहीं से होती है। वर्षावनों से ही दुनिया की कई सारी औषधियों की प्राप्ति हुई है। वर्षावनों में अन्य जगहों के मुक़ाबले सामान्य से ज्यादा वर्षा होती है।
विश्व वर्षावन दिवस का इतिहास – विश्व वर्षावन दिवस की शुरुआत वर्षावन साझेदारी (रेनफॉरेस्ट पार्टनरशिप) द्वारा की गई थी, यह एक गैर-लाभकारी संगठन है जो उष्णकटिबंधीय वर्षावनों की सुरक्षा और पुनर्जनन के लिए समर्पित है। उद्घाटन विश्व वर्षावन दिवस 22 जून, 2017 को हुआ था। तब से इसे अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त हुई है और इसे हर साल 22 जून को वर्षावनों से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर ध्यान आकर्षित करने के लिए मनाया जाने लगा। पर्यावरण प्रेमियों व प्रकृति प्रेमियों का मन वर्षावन का नाम सुनते ही हरा-भरा और पुलकित हो जाता है। इतना ही नहीं वर्षावन दुनिया के आधे से अधिक पशु व पक्षियों तथा कई प्रजातियों का भी घर हैं। पूरी दुनिया में अलग-अलग प्रकार के जीव-जंतु व कीड़े-मकोड़े के आलावा विभिन्न तरह के पौधों की सभी प्रजातियों का कुल 40-75 % इन्हीं वर्षावनों में पायी जाती हैं। हम सभी वर्षावन की रक्षा करने और उसके जीवन काल को संरक्षित करने के लिए एक जागरूकता अभियान शुरू कर सकते हैं। क्योंकि यहाँ यह याद रखा जाना चाहिए कि इन्ही वर्षा वनों ने हजारों वर्षों से हम सभी प्राणियों के जीवन को सुरक्षित रखा है।
विश्व वर्षावन दिवस का महत्त्व और उद्देश्य – आज भूमंडलीकरण के दौर में वनों का अत्यधिक कटान शुरू हो गया है क्लाईमेट का बदलना ग्लोबल वार्मिंग जैसे बड़े खतरे का डर पल पल बना हुआ है। ऐसे में यदि हमारे वनों को सुरक्षित नहीं रखा गया तो महाविनाश का दिन दूर नहीं होगा। ये वन ही तो हैं जिनसे हमें शुद्ध ऑक्सीजन, शुद्ध पानी मिलता है, ये वन ही हैं जो सम्पूर्ण धरती की हानिकारक गैसों के उत्सर्जन को जैसे कार्बन डाई ऑक्साइड गैस को सोखते हैं।
वर्षावन लाखों पौधों और जानवरों की प्रजातियों का घर हैं, जिनमें से कई पृथ्वी पर और कहीं नहीं पाए जाते हैं। वे पृथ्वी की जैव विविधता को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और उन्हें अक्सर “ग्रह के फेफड़े” के रूप में जाना जाता है, क्योंकि वे दुनिया के लिए महत्वपूर्ण मात्रा में ऑक्सीजन का उत्पादन करते हैं। वर्षावन कार्बन सिंक के रूप में भी कार्य करते हैं, जो वायुमंडल से कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करके जलवायु परिवर्तन को कम करने में मदद करते हैं।
विश्व वर्षावन दिवस का एक मात्र उद्देश्य वर्षावनों के महत्व के बारे में लोगों के बीच जागरूकता बढ़ाना और उनकी सुरक्षा और संरक्षण के लिए कार्रवाई को प्रेरित करना है। दुर्भाग्य से, वनों की कटाई,अवैध कटाई, कृषि विस्तार, खनन और अन्य मानवीय गतिविधियों के कारण दुनिया भर में वर्षावन खतरे में हैं। वर्षावनों के नष्ट होने से पर्यावरण और स्थानीय समुदायों दोनों के लिए विनाशकारी परिणाम होते हैं जो अपनी आजीविका के लिए इन पारिस्थितिक तंत्रों पर निर्भर हैं। इसलिए वर्षावनों के महत्व को देखते हुए इसके लिए एक दिन समर्पित किया गया है। वर्षावनों की इतनी महत्वपूर्ण भूमिका होने के बावजूद हर साल 78 मिलियन हेक्टेयर कीमती वर्षावन नष्ट हो जाते हैं। इसीलिए वनों की कटाई से निपटने, जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने और वनों की कटाई होने पर निर्णायक कार्रवाई के लिए व जन- जागरूकता के लिए, विश्व वर्षावन दिवस को मनाये जाने का संकल्प लिया गया है।
2023 में वर्षावन दिवस की थीम – इस बार 2023 के वर्षावन दिवस की थीम “Conserve Restore Regenerate” कंजर्व रिस्टोर रिजेनरेट (संरक्षण पुनर्स्थापना पुनर्जनन) तय की गई है। इस थीम का उद्देश्य लोगों को प्रकृति के प्रति संवेदनशील बनाना है, ताकि पृथ्वी पर जीवन के अस्तित्व के लिए प्राकृतिक आपदाओं से जूझना न पड़े। इसलिए इसमें तेजी से होते वनों की कटाई को रोकने के साथ-साथ और जंगल लगाने की बात भी की जाती है। उष्णकटिबंधीय वर्षावनों को पृथ्वी के आभूषण और संसार की सबसे बड़ी औषधालय कहा गया है, क्योंकि एक चौथाई प्राकृतिक औषधियों की खोज यहीं हुई है। गौरतलब है की उष्णकटिबंधीय वर्षा-वन एक ऐसा है जो भूमध्य रेखा के दक्षिण या उत्तर में लगभग 28 डिग्री के भीतर होता है।
दुनियाँ का सबसे बड़ा वर्षावन
दुनिया कई मायनों में वर्षावनों पर निर्भर है। कॉफ़ी, मसालों, सब्जियों और फलों से लेकर ताड़ के तेल तक, हमें वर्षावन की वजह से मिलता है। अमेज़न वर्षावन, दुनिया का सबसे बड़ा वर्षावन, हमारे द्वारा सांस ली जाने वाली ऑक्सीजन और महत्वपूर्ण ताजे पानी का 20 प्रतिशत हमें यहां से मिलता है। वर्षावन अतिरिक्त कार्बन डाइऑक्साइड को सोखता है और जलवायु पैटर्न को स्थिर करके ग्लोबल वार्मिंग से निपटने में महत्वपूर्ण भूमिका भी निभाता है। ये हैं विश्व से तीन सबसे बड़े वर्षावन।
अमेज़न वर्षावन दुनिया का सबसे बड़ा वर्षावन है। यह अकेला ही दुनिया में 20% ऑक्सीज़न को बनाता है। अमेज़न 2.1 मिलियन वर्गमील के क्षेत्र में फैला हुआ है। ये जंगल ग्लोबल वार्मिंग जैसे खतरे को कम करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। विश्व के एक तिहाई पेड़-पौधों का संग्रह अकेले अमेज़न के जंगल में है। यह पूरे 9 देशों में फैला हुआ है। इस जंगल के अंदर ही दुनिया की सबसे बड़ी नदी अमेज़न नदी भी है। इस जंगल का 60% अकेला हिस्सा ब्राज़ील में है, और अन्य 13% हिस्सा पेरु में और 10% हिस्सा कोलम्बिया में बाकी अन्य 17 % हिस्सा इक्वाडोर, गुयाना, वुनूजुएला बोलिविया, सूरीनाम, फ्रैंच गुयान में है।
दुनियाँ का दूसरा वर्षावन कांगो वर्षावन है जो अफ्रीका में है। ये 23 लाख वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। कांगो देश में इसका ज़्यादातर हिस्सा फैला है। यह इतना अधिक घना जंगल है, कि इसके अंदर धूप जमीन को नहीं छूती है। इस जंगल के अंदर 5 नेशनल पार्क भी है। इस जंगल के भीतर भी नदी बहती है जो 4700 किलोमीटर लंबी है, यह दुनियाँ की सबसे गहरी नदी है।
दुनियाँ का तीसरा वर्षावन है, डेंट्री वर्षावन दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा वर्षावन है, जो करीब 1200वर्ग किलोमीटर के बड़े क्षेत्र में है। यह जंगल किन्सलैंड ऑस्ट्रेलिया में है। इस जंगल में करीब 12000 अलग अलग कीड़ों की प्रजातियाँ हैं। इस जंगल में भी डेंट्री नदी बहती है डेंट्री नदी करीब 30 किलोमीटर लंबी है।
वर्षावनों को बचाने की है जरूरत – आज के दौर में वनों की अत्यधिक कटाई हो रही है। इसका सीधा नुकशान हमारे पर्यावरण व वातावरण को हो रहा है। आज हमारे जंगलों का लगभग 30% हिस्सा कटने के कारण गायब हो गया है। आज प्रतिवर्ष लगभग 1000 मिल का वर्षावन का क्षेत्र कृषि के लिए उजाड़ दिया जा रहा है, उदाहरण के लिए आप पाम की खेती के लिए अफ्रीका के जंगलों का कटना ही देख लीजिये। विभिन्न प्रकार के फर्नीचर बनाने के लिए ही इन जंगलों से लकड़ी ली जाती है। बदले में होता यह है कि धीरे-धीरे एक बड़ा हिस्सा जंगल का खत्म हो जाता है। जंगलों को सड़क निर्माण के लिए भी खत्म किया जा रहा है। विश्व की लगभग 25% आबादी इन्हीं वर्षावनों से भोजन पानी लेने के लिए निर्भर है।
भारत में वर्षावन
भारत में सुंदर वर्षावन पूर्वी भारत मे स्थित है, यह जंगल असम नागालैंड मणिपुर त्रिपुरा तथा अरुणाचल प्रदेश तक फैला हुआ है। यहाँ का अधिकांश भाग 900 मीटर कि उचाई पर स्थित है। वेस्टर्न घाट- यह भारत के 30000 वर्ग किमी के कुल क्षेत्र में महाराष्ट्र से कर्नाटक और केरल राज्य में फैला हुआ है। यहाँ 1100 अलग अलग जानवरों की प्रजातियाँ पाई जाती हैं। हाथियों की आबादी भी इस जंगल में सबसे ज्यादा है। अंडमान निकोबार द्वीप समूह के वर्षावन में भी कई विभिन्न प्रकार के जीव जंतु रहते हैं। यहाँ उष्ण कटि बंधीय व अर्ध सदाबाहार वन पाए जाते हैं।