Monday, December 23, 2024
Homeकार्यक्रमदूसरे दिन की कथा में रामानुज सम्प्रदायाचार्य पूज्य स्वामी लक्ष्मण दास जी...

दूसरे दिन की कथा में रामानुज सम्प्रदायाचार्य पूज्य स्वामी लक्ष्मण दास जी कपिल अवतार व ध्रुव चरित्र का विस्तार से किया वर्णन

पटना में गांधी मैदान में 25 अप्रैल से श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है। जिसमे पटना व बिहार भर से श्रद्धालुओं की भारी भीड़ पहुच रही है। भव्य आयोजन में रामानुज सम्प्रदायाचार्य पूज्य स्वामी लक्ष्मण दास जी महाराज के श्रीमुख से श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण कर भक्तजन लाभान्वित हो रहे हैं। 24 अप्रैल को भव्य कलश यात्रा कर कार्यक्रम की शुरुआत की गई थी व 25 अप्रैल वाले कथा में भागवत महात्म्य व शुकदेव आगमन का प्रसंग सुनाया था। भागवत कथा आयोजन के दूसरे दिन भी भक्तों की भारी भीड़ मौदूज रही। 26 अप्रैल को सुबह कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत की गई। जिसके अंतर्गत सुबह 06 बजे से 10 बजे तक सर्व मनोकामना सिद्ध दैनिक पूजन एवं श्री महालक्ष्मी यज्ञ की गई तत्पश्चात गुरु जी के द्वारा श्रीमद्भागवत कथा की शुरुआत हुई। कथा के दौरान रामानुज सम्प्रदायाचार्य पूज्य स्वामी लक्ष्मण दास जी महाराज ने आज श्री कपिल अवतार व ध्रुव चरित्र का विस्तार से वर्णन कर सम्पूर्ण प्रसंग सुनाया।

पूज्य स्वामी लक्ष्मण दास जी महाराज ने कथा के दौरान कहा मनुष्य और पशु में बहुत अंतर है। फिर भी आत्मा परमात्मा के शुद्ध ज्ञान के बिना और धर्म के आचरण के बिना आज का मनुष्य, पशुओं से भी बहुत नीचे गिर चुका है। विद्वानों ने पहले भी कहा है, कि “आहार निद्रा भय और मैथुन, अर्थात खाना पीना, सोना, बलवान से डरना, और संतान उत्पत्ति करना, यह चार क्रियाएं मनुष्यों में तथा पशुओं में एक समान हैं। केवल धर्म ही एक ऐसी विशेषता है, जो मनुष्यों में और पशुओं में भिन्नता को सिद्ध करती है।” धर्म के विषय में मनुष्य जान सकता है, और उसका आचरण भी कर सकता है। परन्तु पशु कुछ विशेष नहीं जानता, और न ही कोई विशेष आचरण कर सकता है।

दूसरे दिन की कथा में रामानुज सम्प्रदायाचार्य पूज्य स्वामी लक्ष्मण दास जी कपिल अवतार व ध्रुव चरित्र का विस्तार से किया वर्णन  दूसरे दिन की कथा में रामानुज सम्प्रदायाचार्य पूज्य स्वामी लक्ष्मण दास जी कपिल अवतार व ध्रुव चरित्र का विस्तार से किया वर्णन

मुझे तो ऐसा लगता है, कि “यदि आज के मनुष्य की तुलना, पशुओं के साथ करें, तो आज का मनुष्य तो पशुओं से भी बहुत नीचे गिर चुका है। उसका बहुत अधिक पतन हो चुका है।” धर्म शब्द का अर्थ बहुत विस्तृत है। “धर्म का अर्थ है कर्तव्य। मनुष्य के जो कर्तव्य हैं, पढ़ाई लिखाई से लेकर ईश्वर भक्ति करने तक। ये सारे कर्तव्य मनुष्यों के हैं। ये सब धर्म के ही भाग हैं।” “अपने कर्तव्य का पालन करना, ठीक ढंग से पढ़ाई-लिखाई करना, यम नियम का पालन करना, सत्य बोलना, चोरी नहीं करना, ब्रह्मचर्य का पालन करना, दूसरों का अधिकार नहीं छीनना, खानपान में अपनी सीमाओं का उल्लंघन नहीं करना, शाकाहारी भोजन खाना, मांसाहार नहीं करना, मन इंद्रियों पर संयम रखना, उचित समय पर ही संतान उत्पत्ति करना, इत्यादि, यह सब धर्म है।” “धर्म के इन क्षेत्रों में मनुष्य और पशु, इन दोनों की तुलना करने से पता चलता है, कि आज का पशु अनेक क्षेत्रों में, आज के मनुष्यों से बहुत आगे हैं। मनुष्य पशुओं से बहुत पीछे रह गया है।”

27 अप्रैल को भी विधिवत तरीके से सुबह 06 बजे से 10 बजे तक सर्व मनोकामना सिद्ध दैनिक पूजन एवं श्री महालक्ष्मी यज्ञ की जाएगी तत्पश्चात गुरु जी के द्वारा नृसिंह अवतार व प्रह्लाद चरित्र का वर्णन किया जाएगा।
कार्यक्रम के आयोजन मंडल में नितिन नवीन विधायक बांकीपुर,पद्म विभूषण डॉ आरएन सिंह ,पटना की मेयर सीता साहू,कमल नोपानी,शिशिर कुमार,मनोरंजन सिंह,धर्मेंद्र नारायण सिंह इत्यादि शामिल हैं।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments