बिहारशरीफ के बड़ी दरगाह स्थित हजरत शेख शर्फउद्दीन अहमद यहिया मनेरी रहमतुल्ला उर्फ मखदूम साहब का 662 वां उर्स आज अकीदत के साथ शुरू हो गया। इस अवसर पर देश के कोने कोने से जायरीन ने मखदूम-ए-जहां के अस्ताने पर चादरपोशी कर दुआएं मांगी।
इस अवसर पर बड़ी दरगाह के जमील अशरफ जमाली ने कहा कि मखदूम साहेब ने शांति, एकता और भाईचारा का संदेश दिया है।वही शकील अहमद फिरदौसी ने कहा कि यहां सभी धर्मों के लोग आते हैं और उनकी दुआएं पूरी होती है। मखदूम साहेब के मजार पर चादर पेशी के लिए आने वाले जायरीनो की सुविधा के लिए व्यापक इंतजाम किए गए हैं। बिहारशरीफ में रामनवमी के जुलूस के दौरान हिंसक झड़प के बाद इस बार उर्स सादगी के साथ मनाया जा रहा है। सालाना उर्स को लेकर प्रशासन की ओर से सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं।चप्पे चप्पे पर सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई है।