Monday, December 23, 2024
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बिहार प्रदेश बामसेफ का 21 वां राज्य अधिवेशन कन्वेंशन सेंटर राजगीर में

देरशाम बामसेफ (बैंकवर्ड एंड माइनोरिटी कम्युनिटी इम्पलॉयज फेडरेशन) नालंदा कार्यलय का उद्घाटन बिहारशरीफ के सिंगारहाट मोहल्ले स्थित श्यामनन्दन चौहान के मकान में किया गया। साथ-ही साथ बामसेफ का 21 वां राज्य अधिवेशन की तैयारीयों पर चर्चाएँ की गई। जिसकी अध्यक्षता बामसेफ के जिला उपाध्यक्ष राजेश कुमार रमन ने की। जबकि संचालन संगठन के सचिव मो. जाहिद हुसैन ने किया।

उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि बामसेफ के राज्य परिषद् सदस्य डॉ. राजीव रंजन ने कहा- जिला कार्यालय बिहारशरीफ के सिंगारहाट मोहल्ले में संगठन की मजबूती का कारक बनेगा। उन्होंने कहा कि बिहार प्रदेश बामसेफ का 21 वां राज्य अधिवेशन 10 एवं 11 सितम्बर 2022, दिन शनिवार एवं रविवार को अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर राजगीर-नालन्दा में होगा। आज हम एससी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यक के अलग-अलग सूची में विभाजित हैं। जैसे-जैसे लोग बामसेफ से जुड़ेंगे वैसे-वैसे हमारी समस्याओं का समाधान होगा। हमें उन लोगों को जोड़ना होगा, जो समाज को संवैधानिक हक अधिकार दिलाना चाहते हैं और संविधान की सुरक्षा करना चाहते हैं। अगर हमें लोकतंत्र के हत्यारों को लोकतंत्र के तहत पराजित करना है तो इस बामसेफ के महाअभियान से कोई बेहतर विकल्प नहीं हो सकता है।

मौके पर प्रदेश के युवा नेता श्रीकांत कुमार एवं रणजीत कुमार ने कहा- हमारा देश भारत युवाओं का देश है। हमारे लोगों में से जिनकी उम्र 18 साल से ऊपर है ऐसे लोगों की 66 करोड़ जनसंख्या है। उनमें 35 से 40 फीसदी जनसंख्या केवल और केवल युवाओं की ही है। आज यह युवा वर्ग पढ़ा-लिखा वर्ग है। उसे अगर समझाएं तो वह इस बात को जान सकता है कि गलत क्या और सही क्या है। जरूरत केवल उस तक पहुंचने की है। यह वर्ग हमारे समाज का मिस गाइडेड मिसाइल है। अगर यह युवा वर्ग जाग जाए, समझ जाए तो मनुवादी और जाति-व्यवस्था को ध्वस्त कर सकता है।

बैठक को संबोधित करते बामसेफ के मीडिया प्रभारी राकेश बिहारी शर्मा ने मौजूद लोगों से एकजुट होने का आह्वान किया। उन्होंने कहा- भारत में व्यवस्था परिवर्तन का जो आंदोलन था। वह सबसे पहले बुध्द ने चलाया। बुद्ध के बाद जितने भी महापुरूष हुये उन्होंने अपने-अपने तरीके से यह आंदोलन चलाने का काम किया। और आज वर्तमान में वही व्यवस्था परिवर्तन का आंदोलन बामसेफ के माध्यम से चल रहा है। इसलिए यदी यह व्यवस्था परिवर्तन का आंदोलन समझना है? तो बामसेफ क्या है? यह बात भी हमें समझनी होगी। बामसेफ संगठन किसी एक जाति या धर्म का संगठन नहीं है। प्रयास है कि सभी वर्ग एक दूसरे के साथ मिलकर रह सके। समाज में व्याप्त ऊंच-नीच की खाई को पाटकर व्यवस्था परिवर्तन करना ही बामसेफ का मूल उद्देश्य है। लोकतंत्र में सबको उनका हक-अधिकार दिलाना ही मकसद है।

मौके पर अध्यक्षता करते हुए बामसेफ के जिला उपाध्यक्ष राजेश कुमार रमन ने कहाकि बहुजन समाज की समस्याओं का लोकतांत्रिक व्यवस्था न होने की वजह से कोई भी समाधान नहीं हो रहा है। इसलिए सबको एकजुट होकर अपने अधिकार के लिए आवाज बुलंद करनी होगी। उन्होंने कहाकि डॉ.भीमराव अंबेडकर और ज्योतिबा फुले की विचारधारा को जन-जन में पहुँचाने की आवश्यकता है। बामसेफ संगठन लंबे समय से समाज में समानता के प्रयास को लेकर सकारात्मक काम कर रहा है।

कार्यक्रम संचालन करते हुए बामसेफ के सचिव मो. जाहिद हुसैन ने कहा कि बामसेफ ही एक ऐसा संगठन जो दलितों, पिछड़ों एवं अल्पसंख्यकों के मूल अधिकार की लड़ाई लड़ रहा है। उन्होंने गरीब-गुरबों को विकास के मुख्य धारा में जोड़ने पर जोर दिया। और सभी जातियों में भाईचारा बनाए रखने वाली सर्वजन हिताय की धारणा मजबूत करने तथा बौद्धिक विकास पर जोर दिया। बिहार प्रदेश बामसेफ का 21 वां राज्य अधिवेशन 10 एवं 11 सितम्बर 2022, को अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर राजगीर में होने वाला है। इस अधिवेशन में देश-प्रदेश के सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ नालंदा के भी सैकड़ों कार्यकर्ता शामिल होंगे, इसकी तैयारी जोर-शोर से किया जा रहा है।
इस उद्घाटन समारोह में कोषाध्यक्ष रमेश पासवान, कार्यालय सचिव श्याम नंदन चौहान, सरदार वीर सिंह, राजदेव पासवान, हरेंद्र चौधरी, राजू पासवान, वीरेंद्र प्रसाद, चिंटू कुमार, संतोष कुमार, रोहित चौहान, बलराम रजक सहित कई लोगों ने भाग लिया।

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