संयुक्त किसान मोर्चा के जिला प्रवक्ता रामदेव चौधरी ने प्रेस विज्ञप्ती जारी कर कहा है कि किसान संयुक्त मोर्चा के दो दिवसीय बैठक जहानाबाद में दाॅगी छात्रावास के बगल मे माॅ सुवासनि देवी मानव सेवा संस्थान मे मण्डप मे रखा गया है। बताते चले कि , ये बैठक दिल्ली के आन्दोलन स्थगित करते समय मोदी सरकार ने किसानों के साथ किये वादे से मुकर जाना और उसे याद करवाने को लेकर 31 जुलाई को भारत बंद की धोषना की समीक्षा को लेकर बैठक रखा गया है। मोदी सरकार आन्दोलन के समय वादा किया था ,कि किसानो की सभी फसलो पर समर्थन मूल्य देने, किसानो की कर्ज माफी करने, विजली संशोधित विल 2022 को वापस लेने के लिये कमीटी गठन करने की बात कही थी जो आज तक नही हो सका उसके विरोध मे लगतार देश के किसान आन्दोलन शुरू कर दिये है। उसी कडी मे बिहार के किसान भी एकजुट होकर लडाई को आगे बढाने के लिए रखा गया है। बिहार की सरकारी मंडी 2006 में नतीश सरकार ने समाप्त कर दी है। उसे भी पुनः बहाल करने को लेकर चर्चा किया जायेगा। तथा आगे बिहार में किस तरह का आन्दोलन की तैयारी किया जाय उसको लेकर रखा गया है। इस आन्दोलन से किसान मजदूरों को अपने हक अधिकार की लड़ाई को लडने की जरूरत को समझाने को लेकर भी बाते होगी । बताते चलें कि किसानों मजदूरों की लडाई लडने और सरकार से अपने हक लेकर रहने की बात की जाय गई और राज्य के किसानो के अनाज को विचालिये के माध्यम से सरकार खरीदना बंद करे,उस मुद्दे पर भी बाते होगी और बिहार की वर्तमान सुखे की परिस्थिती से रूबरू होते हुये अपने सरकार से जल्द सुखार घोषित करने के लिये भी बात रखी जाय। इन सारे मुद्दे पर विस्तार पूर्वक बातें रखने के लिए बैठक रखा गया है । बैठक मे संयुक्त किसान मोर्चे के प्रतिनिधित्व कर रहे सभी पदाधिकार सदस्य उपस्थित रहेगे।
संयुक्त किसान मोर्चा की दो दिवसीय बैठक
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