Monday, December 23, 2024
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भवन विमुक्त कराने सहमति देने उपरांत अगर संबंधित स्वामी 15 दिनों के अंदर

उत्पाद अधिनियम के तहत जप्त वाहनों एवं भवन/परिसरों के शास्ति भुगतान के आधार पर विमुक्ति,राज्यसात एवं नीलामी को लेकर जिलाधिकारी ने की समीक्षा बैठक शास्ति के आधार पर वाहन /भवन विमुक्त कराने की सहमति देने के उपरांत अगर संबंधित स्वामी 15 दिनों के अंदर शास्ति की राशि जमा नहीं करें तो वाहन/भवन/परिसर को राज्यसात कर नीलामी की करें कार्रवाई उत्पाद अधिनियम (संशोधित) के तहत जिला में जप्त किये गए वाहनों, भवन/परिसरों को शास्ति के भुगतान के आधार पर विमुक्त किये जाने का प्रावधान किया गया है।इसके तहत जिला में अबतक 69 भवन/परिसर तथा 39 वाहनों को शास्ति भुगतान के आधार पर सक्षम न्यायालय द्वारा विमुक्त किया गया है। विमुक्त किये गए भवन/परिसरों से शास्ति के रूप में 78 लाख 70 हजार रुपये तथा विमुक्त वाहनों से शास्ति के रूप में 29 लाख 16 हजार 341 रुपये प्राप्त किया गया है। जिलाधिकारी श्री शशांक शुभंकर ने आज उत्पाद अधिनियम के तहत जप्त वाहनों, भवन/परिसरों के शास्ति के आधार पर विमुक्ति, राज्यसात एवं नीलामी के मामलों की समीक्षा की। जप्त भवन/परिसरों से सम्बंधित 781 वाद दायर हुए हैं। इनमें से 298 मामलों में राज्यसात तथा 69 मामलों में शास्ति के भुगतान के आधार पर भवन परिसर को विमुक्त किया गया है। 74 अन्य केलिए विमुक्ति हेतु आवेदन प्राप्त है।इनसे संबंधित 446 मामले विभिन्न सक्षम न्यायालय स्तर पर लंबित पाये गए। जप्त किए गए वाहनों से संबंधित कुल 987 वाद दायर हैं इनमें से 864 वाहनों को राज्यसात किया गया है तथा 39 वाहनों को शास्ति के भुगतान के आधार पर सक्षम न्यायालय द्वारा विमुक्त किया गया है। 34 अन्य वाहनों केलिए विमुक्ति हेतु आवेदन प्राप्त है।वाहनों से संबंधित 94 मामले विभिन्न न्यायालय स्तर पर लंबित पाए गए । इन मामलों की सुनवाई के लिए अपर समाहर्ता, सभी अनुमंडल पदाधिकारी तथा सभी भूमि सुधार उप समाहर्ता को सक्षम न्यायालय के रूप में प्राधिकृत किया गया है।

भवन विमुक्त कराने  सहमति देने  उपरांत अगर संबंधित स्वामी 15 दिनों के अंदर

सक्षम न्यायालय के पदाधिकारियों द्वारा बताया गया कि अनेक मामलों में वाहन/भवन स्वामी द्वारा शास्ती के आधार पर विमुक्ति हेतु आवेदन दिया गया है परंतु शास्ति की राशि जमा करने में विलंब किया जा रहा है। इस संबंध में जिलाधिकारी ने कहा कि संशोधित उत्पाद अधिनियम के तहत अगर संबंधित स्वामी द्वारा 15 दिन के निर्धारित समय सीमा के अंतर्गत शास्ति की राशि जमा नहीं की जाती है तो ऐसी परिस्थिति में सभी सक्षम न्यायालय के पदाधिकारी संबंधित वाहन,भवन/परिसर को राज्यसात करते हुए नीलामी की प्रक्रिया अविलंब प्रारंभ करें। नीलामी की प्रक्रिया पूर्ण होने से पूर्व भी अगर संबंधित भवन/वाहन स्वामी द्वारा शास्ति की राशि जमा की जाती है तो भवन/ वाहन को विमुक्त किया जा सकता है। वर्तमान में सभी जप्त भवन/वाहन की केंद्रीय कृत ऑनलाइन ई-नीलामी एमएसटीसी के माध्यम से कराई जा रही है। नालंदा जिला में जप्त 38 वाहनों की ऑनलाइन ई-नीलामी प्रक्रियाधीन है। समीक्षा के क्रम में ज्ञात हुआ कि 103 जप्त वाहनों का प्रस्ताव अभी तक अग्रेतर कार्रवाई हेतु अप्राप्त है। जिलाधिकारी ने सभी थाना स्तर से अविलंब इन सभी वाहनों का प्रस्ताव भेजने का निर्देश दिया। जिला परिवहन पदाधिकारी को राज्यसात की प्रक्रिया के तहत सभी वाहनों के वैल्यूएशन का कार्य निर्धारित समय सीमा के अंतर्गत सुनिश्चित कराने को कहा। सभी नीलाम वाहनों के स्वामित्व परिवर्तन के लिए भी निर्धारित समय सीमा के अंतर्गत कार्रवाई सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया। बैठक में अपर समाहर्ता, जिला परिवहन पदाधिकारी, उत्पाद अधीक्षक तथा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी अनुमंडल पदाधिकारी एवं भूमि सुधार उप समाहर्ता जुड़े थे।

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