बिहारशरीफ,3 जुलाई 2022 : बामसेफ (बैंकवर्ड एंड माइनोरिटी कम्युनिटी इम्पलॉयज फेडरेशन) नालंदा की नई जिला कमेटी का गठन रविवार की देरशाम को हर्ष क्लीनिक, गल्लापट्टी सोहसाराय में किया गया। जिसकी अध्यक्षता संगठन के पूर्व अध्यक्ष डॉ. राजीव रंजन ने की। जबकि संचालन संगठन के उपाध्यक्ष राजेश कुमार रमन ने किया। किसे क्या जिम्मेदारी दी गई है- मौके पर चयनित पदाधिकारियों में डॉ. अविनाश कुमार सत्यम को अध्यक्ष तो राजेश कुमार रमन, राजाराम प्रसाद व सामंती सिन्हा को उपाध्यक्ष बनाया गया। इसी प्रकार सचिव मो. जाहिद हुसैन को बनाया गया। संगठन डॉ. सचिव सुविर कुमार, दीपक राजवंशी, कौशलेंद्र कुमार, कोषाध्यक्ष रमेश पासवान, कार्यालय सचिव श्याम नंदन चौहान तो संगठन का मीडिया प्रभारी साहित्यकार राकेश बिहारी शर्मा को बनाया गया। साथ ही साथ सक्रिय कार्यकारिणी सदस्यों में रंजीत कुमार, वीरेंद्र चौधरी, कौशलेंद्र कुमार, मो. मोअज्जम अहसन, संतोष कुमार, रोहित जी, इंद्रजीत कुमार, बलराम रजक, आलोक चौधरी को निर्विरोध चुनाव किया गया। मौके पर संगठन के मीडिया प्रभारी साहित्यकार राकेश बिहारी शर्मा ने कहा कि एससी, एसटी वेलफेयर एसोसिएशन से जुड़े हुए क्लास वन अधिकारी कांशीराम ने 6 दिसंबर 1973 को एक संगठन बनाने की कल्पना की। फिर 6 दिसंबर 1978 को राष्ट्रपति भवन के सामने बोट क्लब मैदान में इसकी औपचारिक स्थापना हुई। गोष्ठी का नाम था “बर्थ ऑफ बामसेफ”। उन्होंने इस पर विस्तार से बताते हुए कहा कि राजस्थान के रहने वाले दीनाभाना पुणे की गोला बारूद फैक्टरी में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के रूप में काम कर रहे थे। वे वहां की एससी,एसटी वेलफेयर एसोसिएशन से जुड़े हुए थे। जब उन्होंने अम्बेडकर जयंती पर छुट्टी को लेकर आंदोलन किया। जिसके चलते उन्हें सस्पेंड कर दिया गया। उनका साथ देने वाले डीके खापर्डे को भी सस्पेंड क्र दिया गया। कांशीराम जी वहां क्लास वन अधिकारी के रूप में काम कर रहे थे।
जब पूरा मामला उन्हें पता चला तो उन्होंने कहा कि बाबा साहब अम्बेडकर की जयंती पर छुट्टी न देने वाले की जब तक छुट्टी न कर दूं, तब तक चैन से नहीं बैठूंगा। ये वो घटना है जिसने कमजोर वर्ग के कर्मचारियों और अधिकारियों के हक के लिए काम करने वाले सबसे बड़े संगठन बामसेफ (BAMCEF) बैकवर्ड एंड माइनॉरिटी कम्युनिटीज एंप्लाई फेडरेशन को जन्म दिया। यदि एसोसिएशन में कांशीराम, दीनाभाना और डीके खापर्डे न होते तो न बामसेफ होता और न आंबेडकरवादी आंदोलन चल रह होता। उन्होंने कहा- बामसेफ एक विचारधारा है, जिसे माननीय कांशीराम ने अनुसूचित जाति,जनजाति तथा ओबीसी समाज को जोड़ने के लिए बनाया था। उनकी विचारधारा के बूते पर ही आज बहुसंख्यक समाज के लोग बडे़ पदों पर कार्यरत हैं। अध्यक्षता करते हुए संगठन के पूर्व अध्यक्ष डॉ. राजीव रंजन ने कहा कि बामसेफ का हरेक कार्यकर्ता केवल बामसेफ के विचारधारों को बढ़ाने का कार्य नहीं करता है बल्क़ि गरीब-गुरबों को विकास के मुख्य धारा में जोड़ने का काम करती है। उपस्थित सभी कार्यकर्ताओं ने डॉ. भीमराव अम्बेडकर के सिद्धातों का पालन और जनहित में कार्य करने का संकल्प लिया। वक्ताओं ने सभी जातियों में भाईचारा बनाए रखने वाली सर्वजन हिताय की धारणा मजबूत करने पर भी जोर दिया। इस अवसर पर सरदार वीर सिंह, विजय कुमार, राजदेव पासवान, विजय कुमार, साधू चौधरी, सतीश कुमार, रणधीर कुमार, जय कांत कुमार, रणवीर कुमार, महेंद्र कुमार सहित कई लोगों ने भाग लिया।