Monday, December 23, 2024
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जिले में पहली बार अफ्रीकन स्वाईन फीवर से फार्म के 250 सुअर की मौत

जिले में पहली बार सुअरों में अफ्रीकन स्वाईन फीवर की पुष्टी होने के बाद अलर्ट जारी कर दिया गया है। ताकि संक्रमण को रोका जा सके। इसके लिए कई दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। करीब एक माह पहले राजगीर प्रखंड के नाहुब में अनिल कुमार के फॉर्म में 250 सुअरों की मौत हो गई थी। जिसकी सूचना फार्म के संचालक द्वारा 21 मई को विभाग को दी गई थी। लक्षण को देखते हुए 24 मई को पटना से तीन सदस्यीय चिकित्सकों की टीम पहुंची थी। पोर्स्टमार्टम करने के साथ-साथ बीमारी की जांच के लिए सैम्पल भी लिया गया था। नेशनल इंस्टिच्यूट ऑफ हाई सिक्यूरिटी एनिमल डिजिज भोपाल में जांच के बाद अफ्रीकन स्वाईन फीवर की पुष्टी की गई। जांच रिपोर्ट आने के बाद जिला प्रसाशन द्वारा अलर्ट जारी करते हुए संबंधित अधिकारियों को दिशा निर्देश दिया गया है। डीएम शशांक भुभंकर ने कहा कि इससे घबराने की जरूरत नहीं है। घटनास्थल के एक किलोमीटर के दायरे में पालन होने वाले सभी सुकरों को मारने का निर्देश दिया गया है। साथ ही 10 किलोमीटर के अंदर सर्विलंस जोन बनाया गया है। इन क्षेत्रों के अंदर सभी सुकरों की जांच कराई जाएगी। साथ ही सुकरों को बाहर से लाने और ले जाने व मांस बिक्री पर रोक लगा दी गई है। इसके लिए सभी जिला एवं प्रखंड पशुपलान पदाधिकारी और प्रखंड विकास पदाधिकारी को इसपर नजर रखने का निर्देश दिया गया है। ताकि संक्रमण का फैलाव न हो। विभागीय गाइडलाइन के तहत मारे जायेंगे सुअर डीएम ने कहा कि एक किलोमीटर के दायरे में जितने भी सुकर है, उसे विभागीय गाइडलाइन के अनुसार कलिंग किया जाएगा। इसके लिए 12 सदस्यीय टीम बनाई गई। साथ ही सर्वेक्षण दल में बीडीओ राजगीर एवं थानाध्यक्ष राजगीर व अन्य पशुपालन विभाग के अधिकारियों को शामिल किया गया है। समय निर्धारित होने के बाद कलिंग टीम की देख रेख में सुकरों का विधिवत मारा जाएगा। सरकार पशुपालकों को इसका मुआवजा देगी। कलिंग किए गए सुकरों को करीब 6 फीट गढ्‌ढा में दबाया जाएगा। इसमें चूना का छिड़काव भी कराने का निर्देश दिया गया है। सावधानी के तौर पर गढ्‌ढा करने के लिए जल श्रोत एवं जल संचय वाले स्थान के आस-पास नहीं करना है। कलिंग टीम को सुरक्षा मानकों को ध्यान में रखते हुए कार्य करना होगा। संक्रमण बढ़ने कर खतरा
राजगीर प्रखंड क्षेत्र के नाहुव गांव में अनिल कुमार के द्वारा संचालित सूकर फार्म में अफ्रीकन स्वईन फीवर से अब तक करीब 250 सूकर की मौत हो गई है। लेकिन विभागीय स्तर पर संक्रमण रोकथाम के लिए कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। इस कारण अास-पास के इलाके में संक्रमण फैलने का खतरा बना हुआ है।  फार्म की देख रेख करने वाले रोहित कुमार ने बताया कि यहां कुल 300 सुअर था, जिसमें 250 की मौत हो गई। शेष बचे 50 सूकर को बाहर निकाला तो उसी दौरान लगभग 30 सूकर गांव एवं खेत के तरफ भाग निकले। जिसमें 22 की मौत भी हो गई थी। भागे हुए सूकरों से संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ गया है। आम आदमी को कोई नुकसान नहीं टीवीओ मोबाईल डॉ. राम प्रवेश ने बताया कि अफ्रीकन स्वाईन फीवर एक एेसी बीमारी है जिससे आम आदमी या अन्य पशुओं को नुकसान नहीं होगा। यह बीमारी सिर्फ सुकरों में फैलती है। इसलिए घबराने की जरूरत नहीं है। सावधानी आवश्यक है। 40 लाख का नुकसान फार्म संचालन करने वाले युवक ने बताया कि मार्च में सूअर के बच्चे आसाम सहित अन्य राज्यों से लाया जाता है। 8 से 10 महिने के अंदर सुकरों का वजन 60-70 किलो तक हो जाता है। जिसे नागालैंड, मिजोरम, सिक्किम सहित पूर्वोत्तर राज्यों में भेजा जाता है। साथ ही स्थानीय स्तर पर भी इसकी बिक्री होती है। 60 से 70 किलो तक के वजन वाले सूअर का कीमत 15-20 हजार मिल जाता है। इस अनुसार देखा जाय तो अफ्रीकन स्वाईन फीवर के कारण संचलक को करीब 40 लाख रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। ग्रामीणों में दहशत का माहौल स्थानीय लोगों की मानें तो कई सूकर फार्म से निकलकर भाग गया है। इसपर विभाग की नजर नहीं है। अफ्रीकन स्वाइन फीवर की पुष्टि होने के बाद नाहुब समेत आस-पास के इलकों में दहशत का माहौल बना है। पूर्व मुखिया कृष्णदेव प्रसाद एवं पूर्व सरपंच मनोज कुमार ने बताया कि अफ्रीकन स्वाइन फीवर गांव में दस्तक दे दिया है। काफी संख्या में सुअर की मौत हुई है। जिसे संचालक द्वारा गांव में ही जहां-तहां गाड़ दिया गया है। कुछ सुअर गांव सहित आसपास के क्षेत्रों में भाग गया है। गाड़े गए सुकरों को अब कुत्ते जमीन खोदकर खा रहे हैं। इस कारण आप-पास के लोगों में अफ्रीकन स्वाईन फीवर फैलने का डर बना हुआ है।
प्रसाशन के लिए चुनौती अफ्रीकन स्वाईन फीवर की पुष्टि होने के बाद नाहुब समेत आस-पास के क्षेत्रों में जो स्थिति बनी है वह प्रसाशन के लिए चुनौती बनी है। फार्म की देख-रेख करने वाले युवक व ग्रामीणों की माने तो अभी भी 30 सुअर भागा हुआ है। गाड़े गए सुकरों को कुत्ते खा रहे हैं। इस कारण आस-पास के क्षेत्र में दुर्गंध भी फैल रही है। भागे हुए सुकरों की तलाश करना टीम के लिए मुश्किल होगी। टीम में ये अधिकारी शामिल एक किलोमीटर के दायरे में बचे सुकरों को मारने के लिए 12 सदस्यीय टीम तैयार किया गया है। इन सदस्यों में जिला पशुपालन पदाधिकारी नालंदा डॉ. सुनील कुमार ठाकुर, प्रखंड विकास पदाधिकारी मिथलेश बिहारी वर्मा, प्रभारी भ्रमण शील पशु चिकित्सा पदाधिकारी राजगीर डाॅ. राजेश कुमार, भ्रमणशील पशु चिकित्सा पदाधिकारी कुल सिलाव डॉ. धनंजय कुमार, भ्रमणशील पशु चिकित्सा पदाधिकारी खुदागंज डाॅ. अंकित कुमार, भ्रमणशील पशु चिकित्सा पदाधिकारी वारा डॉ. अमिताभ कुमार, भ्रमणशील पशु चिकित्सा पदाधिकारी दशरथपुर डाॅ. रविकांत कुमार, पशुधन सहायक राजगीर सुग्रीव राम, पशुधन सहायक गिरियक सुबोध कुमार, अनुसेवक कुल गांव के सुजीत कुमार, अनुसेवक राजकुमार रजक, अनुसेवक कुल श्रीकांत प्रसाद शामिल हैं।

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