जिलाधिकारी श्री शशांक शुभंकर ने हरदेव भवन सभागार में आईसीडीएस की समीक्षा बैठक की। जिला प्रोग्राम पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि प्रधानमंत्री मातृत्व वंदन योजना के तहत वर्तमान वित्तीय वर्ष के लिए 85250 का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसमें से प्रथम त्रैमास के लिए 6820 का लक्ष्य निर्धारित है। योजना के प्रारंभ से अबतक इस योजना से संबंधित एक लाख एक हजार 496 फॉर्म अपलोड किए गए हैं। मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना के तहत अबतक 39 हजार 110 लाभुकों का निबंधन किया गया है।वर्तमान वित्तीय वर्ष के लिए 20 हजार 460 लाभुकों के निबंधन का लक्ष्य निर्धारित है।
विभिन्न विभागीय पदाधिकारियों द्वारा आंगनबाड़ी केंद्रों के निरीक्षण के संदर्भ में बताया गया कि मई माह में बाल विकास परियोजना पदाधिकारी के स्तर से 432, महिला पर्यवेक्षिका द्वारा 2111 तथा परियोजना सहायक द्वारा 138 आंगनवाड़ी केंद्रों का निरीक्षण किया गया है। निरीक्षण के क्रम में 359 सेविका को चेतावनी तथा 207 से स्पष्टीकरण पूछा गया है।
विभिन्न केंद्रों में पाई गई कमियों को लेकर ₹57415 आर्थिक दंड के रूप में वसूली की गई है। जिलाधिकारी ने शत प्रतिशत आंगनबाड़ी केंद्रों का निरीक्षण प्रतिमाह सुनिश्चित करने का निदेश दिया। सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर सभी प्रकार की पंजियों एवं दस्तावेजों का विधिवत संधारण सुनिश्चित रखने का निर्देश दिया गया। इस संबंध में सभी सेविका, सहायिका, महिला पर्यवेक्षिका को आवश्यक प्रशिक्षण/दिशा निदेश देने को कहा गया। टीएचआर/पोषाहार से संबंधित वाउचर महीने के अंतिम सप्ताह में निर्धारित तिथि को ही संबंधित कार्यालय में प्राप्त करने की व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया। जिला प्रोग्राम पदाधिकारी को इस आशय का आदेश निर्गत करने को कहा गया। सभी बाल विकास परियोजना पदाधिकारी अपने पर्यवेक्षण में वाउचर जमा करवाने की कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे। मनरेगा के कन्वर्जंस से जिला में 200 आंगनवाड़ी केंद्र भवन का तत्काल निर्माण कराए जाने का लक्ष्य रखा गया है। इनमें से 100 आंगनवाड़ी केंद्र भवन के निर्माण के लिए कार्रवाई की जा रही है जो निर्माण के विभिन्न चरणों में है। अन्य 100 आंगनवाड़ी केंद्र भवन के निर्माण के लिए जमीन चिन्हित करने की कार्रवाई की जाएगी। बैठक में उप विकास आयुक्त, जिला प्रोग्राम पदाधिकारी एवं सभी बाल विकास परियोजना पदाधिकारी उपस्थित थे।