बिहार शरीफ के सघन आबादी बाला क्षेत्र भरावपर फ्लाई ओभर के निर्माण की होगी शुरुआत के लिए पहल शुरू हो गई
स्थानीय लोगों के विरोध के कारण महिनों से रूका फ्लाई ओभर का निर्माण कार्य का रास्ता अब साफ हो गया है। एनआईटी सर्वे रिपोर्ट के बाद विभागीय सहमती मिलने के बाद एजेंसी द्वारा 4 माह पूर्व लौटाया गया पाईल मशीन काे वापस ले आया गया है। रविवार की रात्री पाईल मशीन के चयनित जगह पर स्थापित कर दिया गया है। मशीन आने के बाद स्थानीय लोगों का विरोध भी अब थम गया है। बता दें कि जाम की समस्या को देखते हुए स्मार्ट सिटी द्वारा सरकारी बस स्टैंड से सोगरा कॉलेज तक फ्लाई ओवर निर्माण के लिए योजना तैयार की गई थी। ट्रेडर की प्रक्रिया पूरी होने के बाद स्थानीय लोगों द्वारा विरोध किया गया था। लेकिन एनआईटी पटना द्वारा प्रस्तुत किए गए सर्वे रिपोर्ट के बाद विभाग द्वारा सहमती दे दी गई है। अब शिघ्र ही निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा। सीईओ विनोद कुमार ने बताया कि यह मुम्बई से मशीन लाया गया है। इसकी खासियत है कि एक पिलर के लिए दो दिन के अंदर पायलिंग का काम पूरा कर देगा। आम
सीईओ ने बताया कि करीब डेढ़ किलोमीटर तक फ्लाईओवर का निर्माण किया जाना है। स्थानीय लोगों की सुविधा को देखते हुए आरीवॉल को कम किया गया है। सोगरा कॉलेज की तरफ 220 एवं सरकारी बस स्टैंड की तरफ 125 मीटर आरीवॉल बनाया जाएगा। आरवॉल में बदलाव के कारण पाया की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है। पहले 50 पाया का निर्माण होना था लेकिन अब 53 पाया का निर्माण होगा। प्रत्येक पाया की दुरी 25 मीटर होगी। प्रयास किया गया है कि पहले की तरह की फलाई ओवर के नीचे से भी यातायात व्यवस्था जारी रहे। स्थानीय लोगों के विरोध के बाद एनआईटी पटना को सर्वे करने का आदेश जारी किया गया था। ताकि वाहनो की संख्या को देखते हुए फ्लाई ओवरी की कितनी आवश्यकता है, इसकी स्पष्ट जानकारी मिल सके। इसके बाद एनआईटी द्वारा दो सर्वे किया गया। जिसमें बताया गया कि पहले सर्वे के अपेक्षा दुसरा सर्वे में वाहनों की संख्या बढ़ी है और यही स्थिति रहा तो विगत 10 वर्षो में लोगों को चलना मुश्किल हो जाएगा। ऐसे में हर हाल में फ्लाई ओवर बनने की आवश्यकता जताई गई थी। इसी के आधार पर विभाग भी निर्माण कार्य पर अंतिम मुहर लगा दी।