हरनौत, नालंदा: उड़ान परियोजना के अंतर्गत बाल संरक्षण मुद्दों पर चल रहे कार्यों का अनुश्रवण एवं मूल्यांकन करने हेतु यूनिसेफ के सीएफओ नफीसा शफीक, सीपीओ गार्गी साहा, शाहिद जावेद सहित अन्य पदाधिकारियों द्वारा घोषित बाल श्रम मुक्त गांव मुबारकपुर-सादिकपुर का भ्रमण किया गया जहां समुदाय के बीच उपस्थित ग्रामीण महिला, पुरुष, जनप्रतिनिधि जैसे मुखिया, वार्ड सदस्य, जीविका दीदी, आशा कार्यकर्ता, शिक्षक इत्यादि के बीच जन संवाद किया गया. चर्चा मे बताया गया कि विद्यालय शिक्षा समिति, मीना मंच एवं बाल संसद के बच्चों को द्वारा आपस में ही विद्यालय से संबंधित कोई भी समस्या हो तो उसका निपटारा कर लिया जाता है. इसके अलावा किसी भी प्रकार की योजना से संबंधित समस्याएं होती है तो ग्राम संगठन की दीदी, बाल संसद, मीना मंच तथा पंचायत प्रतिनिधि के द्वारा सहयोग कर निपटारा किया जाता है. विद्यालय में सड़क निर्माण का कार्य भी ग्राम संगठन के द्वारा किया गया है. ज्ञात हो कि 2015 में मुबारकपुर-सादिकपुर गांव को बाल श्रम मुक्त गांव घोषित किया गया था जहां अब पिछले 2 साल से बाल विवाह जैसी घटनाएं नहीं होने के कारण उस गांव को बाल विवाह मुक्त गांव घोषित करने की तैयारी कर ली गई है. समुदाय द्वारा मौके पर मुखर होकर यह बताया गया कि सामूहिक प्रयास से बाल विवाह, बाल श्रम जैसी घटनाएं नहीं हो रही है जिसमें समुदाय के जनप्रतिनिधियों, प्रथम श्रेणी के कार्यकर्ताओं, तथा जीविका दीदी, आंगनवाड़ी सेविका इत्यादि की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है. पचौरा पंचायत के सादिकपुर – मुबारकपुर गांव को बाल विवाह एवं बाल श्रम मुक्त होने के कारण आदर्श गांव के रूप में बिहार राज्य में प्रेरणा स्रोत के तौर पर रखा जा सकता है. मौके पर यूनिसेफ से शर्मीली सेठ, विनोद कमल इत्यादि, मुखिया रामप्रवेश पासवान, वार्ड सदस्य, पचौड़ा पंचायत के सादिकपुर-मुबारकपुर गांव की सुनीता देवी, कंचन देवी, नीलम देवी के अलावा सेव द चिल्ड्रन से पीयूष कुमार, शिराज शब्बीर, राजनाथ प्रसाद , रवि कुमार, आभास कुमार, सुधा कुमारी, राज अंकुश शर्मा, जगत भूषण नंदन इत्यादि उपस्थित थे.
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