गर्मी के मौसम में लू, अगलगी एवं पेयजल की संभावित समस्या को लेकर पूर्व तैयारी हेतु जिलाधिकारी ने आज बिहारशरीफ अनुमंडल के जनप्रतिनिधियों एवं पदाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से की बैठक-
गर्मी के मौसम में लू , आगजनी तथा पेयजल की संभावित समस्या को लेकर पूर्व तैयारी हेतु आज जिलाधिकारी श्री शशांक शुभंकर ने संबंधित विभागों के जिला स्तरीय पदाधिकारी तथा बिहारशरीफ अनुमंडल के प्रखंड/ पंचायत स्तरीय जनप्रतिनिधियों एवं प्रखंड स्तरीय पदाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक की।अनुमंडल के सभी पंचायतों के सभी वार्डों में पीएचईडी तथा पंचायती राज विभाग के माध्यम से नल जल की योजना का क्रियान्वयन किया गया है।अभी भी नल जल कनेक्शन से वंचित परिवारों तथा मोटर एवं स्टार्टर के खराब होने या अन्य तकनीकी समस्या के कारण पेयजल आपूर्ति बाधित वार्डों की सूची संकलित की गई। इस संबंध में प्रखंड स्तरीय पदाधिकारियों के साथ साथ पंचायती राज व्यवस्था के जनप्रतिनिधियों से भी फीडबैक लिया गया।जिलाधिकारी ने 10 अप्रैल तक नल जल कनेक्शन से वंचित सभी परिवारों को कनेक्शन देने तथा मोटर,स्टार्टर या अन्य तकनीकी कारणों से बाधित पेय जल आपूर्ति को आवश्यक मरम्मती कर जलापूर्ति बहाल करने का निर्देश पीएचईडी एवं पंचायती राज विभाग को दिया।
जहां भी बोरिंग या कनेक्शन के लिए नई योजना की आवश्यकता है वहां के लिए 24 घंटे के अंदर तकनीकी स्वीकृति के साथ प्रस्ताव भेजने का निर्देश दिया गया। जहां भी योजना के क्रियान्वयन में विलंब होने की संभावना है वहां तत्कालिक व्यवस्था के रूप में नए चापाकल लगाने का निर्देश कार्यपालक अभियंता पीएचईडी को दिया गया।
चापाकलों की मरम्मती के लिए सभी प्रखंड में पीएचईडी द्वारा एक-एक मोबाइल दल (गैंग) को 12 मार्च से लगाया गया है। जिलाधिकारी ने 15 अप्रैल तक सभी मरम्मती योग्य चापाकलों की मरम्मती हर हाल में सुनिश्चित कराने का निर्देश कार्यपालक अभियंता पीएचईडी को दिया। इसके लिए आवश्यकता हो तो गैंग की संख्या बढ़ाने को कहा गया। मरम्मती के उपरांत स्थानीय लोगों से सामाजिक प्रमाण पत्र भी प्राप्त करने का निर्देश दिया गया। सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों को जनप्रतिनिधि गण के माध्यम से भी खराब चापाकलों के बारे में जानकारी उपलब्ध कराने को कहा गया।
लू से बचाव/उपचार के लिए सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, स्वास्थ्य उपकेंद्र, अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में ओआरएस एवं अन्य आवश्यक दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित रखने का निर्देश सिविल सर्जन को दिया गया।आगजनी के मामले में त्वरित कार्रवाई हेतु स्थानीय पदाधिकारियों को तुरंत घटनास्थल पर स्वयं पहुंचने का निर्देश दिया गया। आगजनी के घटना की तुरंत फोटोग्राफी एवं जियो टैगिंग सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया गया ताकि आपदा प्रबंधन के प्रावधान के अनुसार मुआवजा के भुगतान में किसी तरह की तकनीकी कठिनाई नहीं हो। जिला में अग्निशमन के 27 वाहन हैं जो सभी क्रियाशील हैं। जिलाधिकारी ने अग्निशमन के सभी वाहनों को 24 घंटे तैयार स्थिति में रखने का निर्देश जिला अग्निशमन पदाधिकारी को दिया। अग्निशमन के वाहन के सभी चालकों का मोबाइल नंबर भी सभी प्रखंड स्तरीय पदाधिकारियों को भी सार्वजनिक रूप से उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया।
पराली जलाने से पर्यावरण के नुकसान के साथ-साथ आगजनी की घटना भी होती है। किसानों को पराली जलाने से रोकने के लिए लगातार जागरूक करने का निदेश जिला कृषि पदाधिकारी को दिया गया। विभागीय प्रावधान के अनुसार पराली जलाने वाले किसान विभागीय योजनाओं के लाभ से वंचित हो सकते हैं।
पशु-पक्षियों के लिए पीने का पानी उपलब्ध कराने हेतु सार्वजनिक जल स्रोतों के पास गड्ढा कर पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश जिला पशुपालन पदाधिकारी को दिया गया। सभी आंगनवाड़ी केंद्रों पर पेयजल आपूर्ति को बहाल रखने तथा ओआरएस की व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश जिला प्रोग्राम पदाधिकारी को दिया गया। सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी, प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी तथा पीएचईडी के अभियंताओं को पूरी संवेदनशीलता के साथ 10 अप्रैल तक नल जल से संबंधित सभी समस्या तथा 15 अप्रैल तक चापाकलों की मरम्मती से संबंधित सभी समस्या का निदान सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया। नगर निकाय क्षेत्रों में उपयुक्त सार्वजनिक स्थलों पर स्थानीय नगर निकाय के माध्यम से प्याऊ की व्यवस्था सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया गया।
आज की बैठक में प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी बिंद एवं रहुई द्वारा नल जल योजना की वर्तमान स्थिति के बारे में सही एवं स्पष्ट प्रतिवेदन नहीं देने के कारण उनसे स्पष्टीकरण पूछा गया।
बैठक में उप विकास आयुक्त, अपर समाहर्ता, सिविल सर्जन, जिला आपदा शाखा प्रभारी, कार्यपालक अभियंता पीएचईडी/ विद्युत, जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला प्रोग्राम पदाधिकारी, जिला अग्निशमन पदाधिकारी सहित अन्य जिला स्तरीय पदाधिकारी तथा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बिहार शरीफ अनुमंडल के सभी प्रखंडों के प्रखंड विकास पदाधिकारी ,अंचलाधिकारी, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी, पीएचईडी के सहायक/कनीय अभियंता एवं पंचायती राज व्यवस्था के जनप्रतिनिधि गण जुड़े थे।