संत शिरोमणि रविदास जी महाराज की 645 वी जयंती के मौके पर हरनौत प्रखंड के जोरारपुर गांव में संत रविदास जी की मूर्ति का अनावरण किया गया ।इस मौके पर अखिल भारतीय रविदासिया धर्म संगठन के जिला अध्यक्ष बलराम साहब , कबीर आश्रम राजगीर के महंत विजय साहब, सद्भावना मंच (भारत ) के संस्थापक दीपक कुमार ,हरनौत पूर्वी के जिला परिषद सदस्या श्रीमती ममता देवी, समाजसेवी अशोक कुमार रविंद्र कुमार ,कुलदीप दास , विलास दास, सहित गणमान्य लोग भाग लिये। इस मौके पर संत रविदास जी के जीवनी पर प्रकाश डालते हुए रविदासिया धर्म संगठन के जिला अध्यक्ष बलराम दास ने कहा कि संत रविदास श्रमण परंपरा के प्रमुख संत थे। उन्होंने जातिवाद, पाखंडवाद, सती प्रथा, बाल विवाह आदि सामाजिक कुरीतियों पर करारा प्रहार किया किया था । रविदास जी महाराज को संत शिरोमणि की उपाधि दी गई है । रविदासिया धर्म संगठन रविदास जी के विचारो को ,उनके उपदेशो को फैलाने का कार्य कर रही है।
मूर्ति से कीर्ति भली बिना पंख उड़ जाय,मूर्ति तो पड़ी रही कृति कबहू ना जाय। इस अमृतवाणी के माध्यम से रविदास जी ने कर्म की प्रधानता को स्थापित किया है । वे समतामूलक समाज निर्माण के प्रखर प्रवक्ता थे। रविदासिया धर्म संगठन के कार्यकर्ताओं ने धूमधाम से इनकी जयंती मनाई। समाजसेवी दीपक कुमार ने कहा कि रविदास जी आपसी प्रेम और एकता के मजबूत स्तंभ थे।मन चंगा तो कठौत में गंगा जैसे प्रसिद्ध कहावत को सिद्ध और चरितार्थ करने वाले प्रख्यात संत रविदास को कौन नहीं जानता ।उनकी अमर वाणी और उनके अमृत संदेश आज भी लोगों के कानों में गूंज रहे हैं। अखिल भारतीय रविदासिया धर्म संगठन के कार्यकर्ताओं ने हरनौत के सबनहुआ में राजबली दास के नेतृत्व में , बनवारीपुर मोरा में जवाहर दास,अमरपुर में प्रेम और अंजित कुमार , मघरा में अखिलेश कुमार, वेन प्रखंड के बड़की आट में राजकुमार राजेश के नेतृत्व में रविदास जी का पूजन कार्यक्रम हुआ। पूजन में भजन ,कीर्तन एवं अरदास आरती हुआ।