Saturday, September 21, 2024
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दिव्यांगजनों ने अपनी 13 सूत्री मांगो को लेकर हॉस्पिटल मोड़ पर दिया धरना

देश एवं प्रदेश मे डबल इंजन के सरकारों से दिव्यांगों के लिए कुछ बेहतर करने हेतु हम लाखों-करोड़ों दिव्यांगजनों की आशा बंधी है ।कुछ चीजें केंद्र सरकार एवं राज्य सरकारों ने दिव्यांगजनों के लिए ऐतिहासिक की है ।जैसे- दिव्यांग नाम देना, दिव्यांग अधिकार अधिनियम 2016 को पारित करना, विशिष्ट पहचान पत्र देने की प्रक्रिया शुरू करना, बुनियाद केंद्र के माध्यम से दिव्यांगजनों को सभी प्रकार की सुविधा उपलब्ध कराने का प्रयास करना, मुख्यमंत्री दिव्यांगजन विवाह प्रोत्साहन योजना के अनुदान की राशि 50000 से बढ़ाकर ₹100000 करना, दिव्यांगजनों के लिए प्रत्येक जिलों में विशेष न्यायालय का गठन कराना, दिव्यांग सशक्तिकरण निदेशालय की स्थापना एवं प्रत्येक जिलों में जिला दिव्यांगजन सशक्तिकरण कोषांग की स्थापना एवं एक एक सहायक निदेशको की प्रतिनियुक्ति जिलावार कराना। जिसके लिए हम सभी दिव्यांगजन आप सभी के आभारी हैं और धन्यवाद ज्ञापित करते हैं परंतु श्रीमान जी इधर दिव्यांग जनों के साथ हिंसा भेदभाव और अधिकारों के हनन की घटना बढ़ती जा रही हैं। आप सरकारों की सुगम्य भारत अभियान जैसी योजनाएं मेट्रो शहरों के बाहर दम तोड़ती नजर आ रही हैं और समान्य दिव्यांगजन आज भी दोयम दर्जे का जीवन जीने को मजबूर है। दिव्यांगों के सामाजिक आर्थिक एवं राजनीतिक उत्थान की दिशा में कोई कारगर कदम नहीं उठाया जा सका है ।शिक्षा, रोजगार समान अवसर की कमी आज भी वैसे ही है जैसे पहले थी। लेकिन आज हम सभी विकलांग से दिव्यांग हो गए हैं ।जो अपने आप में खेद का विषय है। दिव्यांग आज भी अनेक समस्याओं से ग्रसित हैं जिसके निदान की दिशा में सूत्री मांगों के ज्ञापन पर आप सरकार को दिव्यांगहित विचार करना वर्तमान समय की मांग है। उक्त निम्नांकित ज्ञापन की प्रति आज दिनांक- 03 दिसंबर 2021को विश्व विकलांग दिवस के अवसर पर अपने जिला पदाधिकारी अपर आयुक्त दिव्यांगजन के माध्यम से आपको सहृदय समर्पित कर रहे हैं।

दिव्यांगजनों ने अपनी 13 सूत्री मांगो को लेकर हॉस्पिटल मोड़ पर दिया धरना
1. प्रदेश में स्वतंत्र एवं सशक्त दिव्यांग आयोग का गठन किया जाए जिसमें दिव्यांग जनों की पूर्ण भागीदारी हो।
2. CWJC-9119/19 में माननीय उच्च न्यायालय पटना द्वारा पारित आदेशानुसार राज्य सरकार के सभी विभागों के सृजित सभी पदों पर नियुक्त एवं आवश्यक मानव बल में कुल संख्या का क्रमशः 3% एवं 4% आरक्षणानुसार दिव्यांगजनों के लिए आरक्षित रिक्तियों की गणना करा कर दिव्यांगों के लिए बैकलॉग भर्ती अभियान की शुरुआत किया जाए।
3. पंचायत से लेकर संसद तक दिव्यांग जनों को 5% राजनीतिक भागीदारी सुनिश्चित किया जाए।
4. दिव्यांगजनों को एक समान सामाजिक सुरक्षा पेंशन कम से कम ₹3000 मासिक लागू किया जाए।
5. राज्य सरकारों द्वारा दिव्यांग जनों के स्वरोजगार हेतु प्रदान किए जाने वाले ऋण योजनाओं से सभी प्रकार के गरान्टर की वैधता को समाप्त किया जाए।
6. दिव्यांगजनों के विवाह दर को बढ़ाने के लिए राज्य सरकारों द्वारा दिव्यांग विवाह प्रोत्साहन योजना के तहत मिलने वाली अनुदान राशि के साथ साथ भूमिहीन, गरीब ,बेरोजगार दिव्यांगों को जमीन, आवास,शौचालय, राशन कार्ड, सहायक उपकरण और रोजगार के अवसर उपलब्ध कराया जाए।
7. नौकरी से वंचित सभी बेरोजगार दिव्यांगजनों को अनिवार्य रूप से अंतयोदय राशन कार्ड का लाभ दिया जाए।
8. सभी प्रकार के दिव्यांग जनों की समुचित शिक्षा के लिए सभी विद्यालयों में विशेष शिक्षकों की नियुक्ति किया जाए।
9. दिव्यांगजनों को समाज के मुख्यधारा से जोड़ने हेतु दिव्यांगजन रोजगार गारंटी कानून लागू किया जाए एवं दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 की सुसंगत धाराओं के तहत शिक्षित बेरोजगार दिव्यांगजनों को प्रत्येक माह कम से कम 5000₹ बेरोजगारी भत्ता दी जाए।
10.राज्य के प्रत्येक जिलों में एक एक दिव्यांग छात्रावास का निर्माण कराया जाए।
11. दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 की धारा- 37 के 5% आरक्षण प्रावधानानुसार राज्य सरकार के विभिन्न विभागों द्वारा संचालित सभी प्रकार की गरीबी उन्मूलन एवं विकासात्मक सरकारी योजनाओं में दिव्यांगजनों की भागीदारी की मासिक समीक्षा कराया जाए तथा निर्धारित आरक्षण अनुसार वंचित दिव्यांगजनों को शत प्रतिशत लाभान्वित कराया जाए।
12. दिव्यांगजनों के लिए सामन अवसर नीति 2019 के प्रावधानों का अक्षरशः सरकारी और निजी क्षेत्र में सख्ती से अनुपालन कराया जाए।
13. विभिन्न खेल विद्या से निपुण दिव्यांगजन, जिन्होंने खेल के क्षेत्र में उत्कृष्टता प्रदान किया है, सभी को सरकारी नौकरी दिया जाए।
14. दिव्यांगजनों के खेलों को बढ़ावा देने के लिए प्रत्येक जिलों में दिव्यांगजनों के अनुकूल सभी सुविधाओं से सुसज्जित एक एक आउटडोर एवं इनडोर स्टेडियम का निर्माण कराया जाए तथा तथा सभी प्रकार के निर्मित खेल अवसंरचनाओं एवं स्टेडियमों को सुगम्य बनावाया जाए।
15. राज्य आयुक्त निशक्तता के कार्यालय से निबंधित सभी स्वंयसेवी संस्था, दिव्यांगजनों के लिए कार्य करने वाले एवं सरकार से अनुदान प्राप्त किये सभी संस्थाओं,दिव्यांगों के खेल को प्रोत्साहित करने के नाम पर सरकारी राशि प्राप्त करने वाले सभी खेल संगठनों एवं संघों का नियमित ऑडिट कराया जाए साथ ही खेल में मेडल प्राप्त करने वाले दिव्यांग खिलाड़ियों के संबंधित खेलो में निपुनता का भौतिक जॉच, जिस संस्था से जुड़े व्यक्ति राज्य आयुक्त निःशक्तता के पद पर चयन हेतु आवेदन किए हैं। उन संस्थाओं के कार्य गतिविधियों एवं वीतीय मामलों को भी अलग से कमेटी का गठन कर समुचित जांच कराया जाए।

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