Saturday, September 21, 2024
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लखीमपुर खीरी नरसंहार के दोषियों को फांसी दो । पिंडिता परिवार को एक एक करोड़ मुआवजा दो। और एक परिवार को सरकारी नौकरी दो।

अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति की ओर सेलखीमपुर खीरी नरसंहार के विरोध में प्रतिरोध मार्च निकाला गया आज अस्पताल चौराहा बिहारशरीफ के निकट दर्जनों किसानों ने लखीमपुर खीरी नरसंहार के विरोध में प्रदर्शन करते हुए जिलाधिकारी नालंदा के समक्ष पहुंचे और उनको ज्ञापन सौंपा गया प्रदर्शनकारी किसानों ने शांतिपूर्ण मार्च करते हुए बताया कि देश के अन्नादाता पर ऐसा जुल्म अंग्रेजी राज में भी नहीं हुआ था जो शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे थे उन पर गाड़ी चढ़ाया गया उनको जबरदस्ती पकड़कर सीने में सिर में गोली मारी गई तथा इसके पहले भी चेतावनी दे दी गई थी कि जैसों का तैसा जवाब दो और जो हाथ उठाएं उसके हाथ को तोड़ो जमानत की फिक्र नहीं करनी है जब संवैधानिक पदों पर रहते हुए ऐसे मंत्री राज्य मंत्री और मुख्यमंत्री ऐसे ब्यान देते हो उस देश के अंदर अब लोकतंत्र क्या रह गया क्या संवैधानिक मर्यादाओं का पालन किया जा रहा है

लखीमपुर खीरी नरसंहार के दोषियों को फांसी दो । पिंडिता परिवार को एक एक करोड़ मुआवजा दो। और एक परिवार को सरकारी नौकरी दो।  लखीमपुर खीरी नरसंहार के दोषियों को फांसी दो । पिंडिता परिवार को एक एक करोड़ मुआवजा दो। और एक परिवार को सरकारी नौकरी दो।

तो ऐसी स्थिति में हिंदुस्तान की जनता हिंदुस्तान का किसान हिंदुस्तान का मजदूर अब और क्या कर पाएगा यह निहत्थे किसानों पर गोली चलाने वाले अंग्रेजी हुकूमत को भी Maaf karne wali Sarkar Hai सरकार इस कुर्सी पर बैठने का इनको कोई अधिकार नहीं है प्रदर्शनकारियों ने मांग किया कि मृतक किसानों के परिवारों को एक करोड़ मुआवजा दिया जाए और उनके परिवार को सरकारी नौकरी दी जाए दोषी लोग जो हत्या में लिप्त रहे हैं उसे जेल भेजा जाए तथा उच्चतम न्यायालय के जज से एसआईटी से इसकी जांच कराई जाए ।प्रदर्शन का नेतृत्व गांव बचाओ संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष चंद्रशेखर प्रसाद वरिष्ठ समाजसेवी मोहम्मद जाहिद अंसारी ठेला फुटपाथ भेंडर्स युनियन के जिला सचिव रामदेव चौधरी किसानों के नेता सकलदेव प्रसाद यादव डॉ मनोज कुमार सिंह एवं मोहम्मद अब्दुल्ला कर रहे थे उक्त नेताओं ने चिंता जाहिर करते हुए बताया कि देश के अंदर अब लोकतंत्र नहीं है यहां राजतंत्र से भी बदतर माहौल हो गया है आज आप देखें पूरे जिले के अंदर 6 महीना से सरकार ने तैयारी किया था बाढ़ से बचाव के लिए पीड़ितों को मुआवजा देने के लिए लेकिन आज किसान बर्बाद हो चुका पूरी पूंजी उनकी खेत में लगी हुई थी जो समाप्त हो गया चारों तरफ हाहाकार है पूरे जिला के अंदर सड़कों पर घरों में लाखों लोग बाढ़ के दुष्प्रभाव से पीड़ित हैं जनजीवन त्राहिमाम है फिर भी यहां के अधिकारी इस पर कोई कदम नहीं उठाया जब शहर के अंदर ऐसे हालात पैदा हो सकते हैं जब शहर के अंदर घरों में पानी घुस सकता है जब वहां के जो का गोदाम था वह उसमें पानी भर हो सकता है रवि प्रखंड के अंतर्गत पर सबसे बदतर स्थिति पैदा हो गई है वहां के अनाज के गोदाम प्रखंड परिसर बिजली परिषर में कमर से ऊपर पानी भर गया है पूरा रहुई प्रखंड अंधेरे में गुजर बसर कर रहा ऐसी परिस्थिति में प्रदर्शनकारियों ने मांग किया कि बाढ़ से पीड़ित परिवारों को तत्काल ₹25000 दिया जाए तथा मजदूरों को ₹10000 की राशि अभिलंब प्रदान की जाए एवं सामूहिक रूप से जहां पूरे गांव पीड़ित हैं वहां के तमाम परिवारों को अविलंब राहत देने का कार्य सरकार करें प्रदर्शन में किसान के नेता महेंद्र प्रसाद प्रोफेसर शिव कुमार यादव उषा देवी चंदक रविदास रामकली देवी पार्वती देवी विजय पासवान अनिल प्रसाद आदि दर्जनों लोग हाथ में झंडा बैनर लिए जिलाधिकारी नालंदा के समक्ष प़र्दशन किए और 5 सदस्य प्रतिनिधि मंडल ने जिलाधिकारी को राष्ट्रपति के नाम से एक ज्ञापन सौंपा ।बिरोध मार्च में हरिशंकर प्रसाद रामप्रवेश सिंह अडवोकेट सचितान्नद महेश मालाकार दिनेश प्रसाद अनुज रविदास छोटे लाल उपेन्द्र कुमार उपेन्द्र दास सुबोध प्रसाद शारदा देवी मोनालिसा देवी स्लो देवी नदीया देवी संजू देवी राशो देवी राजेंद्र प्रसाद अरूण कुमार चन्द्रशेखर प्रसाद जैनेन्द्र कुमार भीम आमीऀ के जिला प्रभारी रंजित कुमार चौधरी आदि लोग शामिल हुए ।

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