Monday, December 23, 2024
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नालंदा जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन के तत्वावधान में राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की जयंती धूमधाम मनाई गई

बिहारशरीफ – स्थानीय हाजीपुर मोहल्ला स्थित किड्ज केयर कान्वेंट के प्रांगण में नालंदा जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन के तत्वावधान में देश के लोकप्रिय साहित्यकार राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की 113 वीं जयंती नालंदा जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष विनय कुमार की अध्यक्षता में समारोहपूर्वक मनाई गई। जिसका संचालन नालंदा जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन के उपसचिव संगीतकार राकेश भारती ने किया।समारोह का उद्घाटन नालंदा जिला हिंदी साहित्य अध्यक्ष विनय कुमार, सचिव महेंद्र कुमार विकल, कार्यकारी अध्यक्ष उमेश प्रसाद उमेश, मीडिया प्रभारी एवं साहित्य एवं संगठन सचिव राजेश ठाकुर, महिला प्रकोष्ठ सचिव मुस्कान चांदनी, उपसचिव राकेश भारती उपाध्यक्ष डॉक्टर गोपाल शरण एवं गजलकार नवनीत कृष्ण ने राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर के तैलचित्र पर फूल-माला चढाकर श्रद्धासुमन अर्पित किया। समारोह में विषय प्रवेश राकेश भारती द्वारा सरस्वती वंदना से किया गया । इसके उपरांत विचार गोष्ठी में सचिव महेंद्र कुमार विकल के द्वारा रामधारी सिंह दिनकर के व्यक्तित्व एवं चरित्र का चित्रण करते हुए उनके कृतित्व को अनुकरणीय बताया गया । साथ ही इस गोष्ठी में सम्मिलित साहित्यकारों को जागरूक करते हुए इन से प्रेरणा लेने की बात कही गई। डा. आनन्द वर्द्धन ने महाकवि रामधारी सिंह दिनकर जी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए फोन पर बताया कि इन्होंने राष्ट्र और मानव हित में सबकुछ लिखा और हमें सजग और जोशीला बनाया! समाज के समक्ष यक्षप्रश्न रखा

नालंदा जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन के तत्वावधान में राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की जयंती धूमधाम मनाई गई
‘ न्याय मांगने से न मिले, अन्याय पाप हो जाए,
बोलो जीने वाला जिए
या कि मर जाए!
व्ययवस्था इतना घटिया है कि प्रश्न विकराल मुंह बाए अभी भी सबको कचोट रहा है, उनके अतृप्त आत्मा को शांति मिले!
इसके उपरांत उपस्थित कवि एवं साहित्यकारों ने राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर के चरित्र का बखान करते हुए अपनी- अपनी बातें रखी।
द्वितीय सत्र में काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया इसमें राष्ट्रीय मगही कवि उमेश प्रसाद उमेश ने देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत रचना पेश की, महेंद्र कुमार विकल की रचना
” दीया मोहब्बत का जलने दो, इसको भला बुझाना कैसा”
राजेश ठाकुर ने अपनी रचना में मगही गीत प्रस्तुत करते हुए कहा कि
आज देसवा में मचल है हाहाकार, रोज अखबार में पढ़ा ही हत्या, डकैती और अत्याचार।।
ई देश है गांधी, बुध ,महात्मा की
सत्य, अहिंसा, सद्भावना की।।
इसके उपरांत महिला प्रकोष्ठ सचिव मुस्कान चांदनी ने नारी विमर्श पर अपनी रचना प्रस्तुत करते हुए कहा कि
कब तक सहेगी बेटियां,
कब तक झुकेगी बेटियां, अपनी सोच बदल कर देखो, क्या-क्या न कर जाएगी बेटियां।।
इसके बाद उपस्थित साहित्यकार एवं कवियों के द्वारा अपनी रचना पेश की गई और अंत में अध्यक्ष विनय कुमार के रामधारी सिंह दिनकर द्वारा लिखित कविता दो में से क्या तुम्हें चाहिए, कलम या कि तलवार ।
मन में ऊंचे भाव की ,
तन में शक्ति है अपार।।
सुना कर दर्शकों की खूब तालियां बटोरी।
इस काव्य गोष्ठी में नालंदा जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन के पदाधिकारियों एवं सदस्यों के अलावे अनेकों साहित्य प्रेमी एवं साहित्य अनुरागी उपस्थित रहे। अंत में उपाध्यक्ष डॉक्टर गोपाल शरण सिंह द्वारा धन्यवाद ज्ञापन देकर कार्यक्रम की समाप्ति की गई।

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