पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय में अभी स्नातक स्तर पर प्रवेश प्रक्रिया चल रही है। इस वर्ष से लागू चार वर्षीय सीबीसीएस पाठ्यक्रम में प्रवेश लेने के लिए छात्रों में उत्साह देखने को मिल रहा है। प्रथम मेधा सूची के अंतिम दिन भी छात्रों ने कॉलेज में आकर अपना प्रवेश सुनिश्चित किया। प्राचार्य डॉ राम कृष्ण परमहंस ने कहा कि नालंदा कॉलेज पर नये छात्र जो विश्वास कर रहे हैं कॉलेज प्रशासन इसको लेकर उत्साहित है एवं हमलोग उनको हर सुविधा देने के लिए तत्पर है। उन्होंने छात्रों से अपील कि की नये सत्र में सभी नियमित क्लास करें। डॉ परमहंस ने कहा कि नये पाठ्यक्रम में स्नातक स्तर पर आंतरिक मूल्यांकन के प्रावधान होने से छात्रों को कॉलेज के हर गतिविधि में सक्रिय हिस्सेदारी जरुरी हो गई है। एडमिशन कमिटी के प्रमुख डॉ मंजुश्री प्रसाद ने कहा कि प्रवेश प्रक्रिया को हमने छात्रों के लिए सरल बनाया एवं यह सुनिश्चित किया कि छात्रों को कोई परेशानी ना हो। एडमिशन कमिटी एक टीम के रूप में काम की जिसमें सभी सदस्यों ने अपनी भूमिका निभायी। कमिटी के सदस्य डॉ बिनीत लाल ने कहा कि पहली मेधा सूची में ही 85 फीसदी सीटें भर जाना बड़ी बात है जबकि पटना विश्वविद्यालय में पहली सूची के बाद 50 फीसदि सीटें ही भर पायीं। उन्होंने कहा कि कॉलेज में 16 विषयों में रेगुलर स्नातक कोर्स हैं जिसमें 2089 सीटें आवंटित किया गया था। 1762 छात्रों ने अपनी फीस जमा करके प्रवेश पूर्ण किए हैं। डॉ लाल ने कहा कि केन्द्रीकृत प्रवेश प्रक्रिया होने के कारण पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, हरियाणा जैसे राज्यों से भी छात्रों ने प्रवेश लिया है। साथ ही बिहार के कई जिले के छात्रों के लिए नालंदा कॉलेज पहली पसंद के रूप में उभरा है उसका कारण है सत्र नियमित होना, कॉलेज का गौरवशाली इतिहास, छात्रों के व्यक्तित्व विकास के लिए सुविधाएँ एवं लगनशील शिक्षक। कमिटी के सदस्य डॉ सुमित कुमार एवं जितेंद्र कुमार ने कहा की दूसरी मेधा सूची सोमवार को जारी हो गई है और पूरी संभावना है की कुछ विषयों को छोड़कर सीटें भर जाएगी। उन्होंने कहा कि जिनका प्रवेश हो गया है उनका पंजीकरण 4 जुलाई से होगा साथ ही कक्षाएँ भी शुरू होंगी।
नालंदा कॉलेज में स्नातक की 85 फीसदी सीटें भरीं
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