बिहारशरीफ – कचरा निष्पादन नगर निगम के लिए बड़ी चुनौती बन गई है। हलांकि कचरा निष्पादन के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं लेकिन अभी तक सफालता नहीं मिल पाई है। बावजूद नगर निगम द्वारा प्रयास जारी है। परिणाम भी धीरे-धीरे सामने आने लगा है। निष्पादन के लिए रास्ता भी मिल गया है। धरातल पर उतारने के लिए वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट लगाने की तैयारी चल रही है। नगर अयुक्त अंशुल अग्रवाल ने बताया कि कचरा कलेक्शन तो किया जा रहा है लेकिन सही निष्पादन नहीं होने के कारण समस्या हो रही है। लेकिन लगातार प्रयास जारी है। फिलहाल चकरसलपुर और बड़ी पहाड़ी के पीछे के एरिया में डंपिंग किया जा रहा है। इन कचराें को निष्पादन के लिए प्लांट लगाने की तैयारी चल रही है। लेकिन खर्च का आकलन अभी तक नहीं हो पा रहा है। इसके लिए अभिरूची के अभिव्यक्ति प्रकाशित कर कंपनियों से विचार किया जाएगा। इसके बाद ही टेंडर कर प्रक्रिया की जाएगी। जानकारी के मुताबकि प्लांट तैयार करने में कई प्रकार के परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है लेकिन शहर की समस्या है तो इसपर पहल करना ही है। कोरोना के कारण भी कुछ योजनाओं को धरातल पर उतारने में परेशानी हो रही है। लेकिन समय के अनुसार ही सभी कार्यों का निष्पादन किया जाना है। नगर अायुक्त ने बताया कि प्लांट तैयार करने के बाद मिक्स वेस्ट को अलग करते हुए ट्रीट किया जाएगा। इस प्रक्रिया से कचरा कुछ दिनों में मिट्टी के रूप में परिवर्तित हो जाता है। लेकिन इस प्रक्रिया में भी समय लगता है। प्लांट को तैयार करने में किन-किन संसाधनों की आवश्यकता होगी, कितना खर्च आएगा और कितना क्षेत्रफल जगह की आवश्यकता होगी इसके लिए कंपनी से विचार किया जाएगा। इसी के आधार पर बोर्ड से प्रस्ताव पारित कर टेंडर की प्रक्रिया शुरू किया जाएगा। अगर यह प्लांट तैयार करने के लिए कंपनी की सहमती बन जाती है तो शहर को शीघ्र ही लंबे समय से जमा कचरा से मुक्ति मिलेगा।
सिटी मैनेजर राजीव कुमार ने बताया कि शहर से प्रति दिन 168 टन कचरा संग्रह किया जाता है। जिसे चकरसलपुर एवं बड़ी पहाड़ी के पीछे डंप किया जा रहा है। पहाड़ी के तलहट्टी को ग्रीन जोन के रूप में डेवलप करने की योजना है इसलिए प्लांट लगाने के लिए भी इसी जगह को प्राथमिका के आधार पर चयन किया गया है। लेकिन अंतिम निर्णय कंपनी के साथ विचार के बाद ही लिया जाएगा। सिटी मैनेजर ने बताया कि अभी शहर से उठाए जा रहे कचरा मिक्स होता है। जबकि कचरा मैनेजमेंट करने के लिए उसे अलग-अलग होना जरूारी है। प्लांट लगने के बाद सभी प्रक्रिया आॅटोमेटिक होगा। जो नहीं सड़ने या गलने वाला वेस्ट होगा उसे मशीन द्वारा ही अलग कर दिया जाएगा।