ककड़िया में 10 वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया-●योग मजहबी परम्परा नहीं, योग एक वैज्ञानिक जीवन पद्धति है ●योग हमारी प्राचीन भारतीय परंपरा का एक अमूल्य उपहार है
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर मध्य विद्यालय ककड़िया के प्रांगण में योग दिवस का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता विद्यालय के प्रधानाध्यापक दिलीप कुमार ने की। इसमें विद्यालय के 235 छात्रों ने अपने शिक्षकों के साथ योग किया। इस कार्यक्रम का आयोजन बच्चों को योग के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से किया गया। बताया गया कि योग के माध्यम से शरीर के सामंजस्य को ठीक रखा जा सकता हैं। कार्यक्रम की शुरूआत ऊं व गायत्री मंत्र के उच्चारण के साथ हुई। उसके बाद योग का एक सामूहिक सत्र योग शिक्षक मुकेश कुमार, राकेश बिहारी शर्मा एवं जितेन्द्र कुमार मेहता के मार्गदर्शन में हुआ।
मौके पर शिक्षक राकेश बिहारी शर्मा ने उपस्थित छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा- ”योग एक ऐसी क्रिया है, जो व्यक्ति द्वारा स्वयं की जाती है। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का विषय प्रत्येक वर्ष बदलता रहता है। इस वर्ष योग दिवस 2024 की थीम “महिला सशक्तिकरण के लिए योग” घोषित किया गया है। बालिकाओं एवं महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए योग को संभावित साधन के रूप में उपयोग करने का लक्ष्य रखते हुए, इस विषय का बहुआयामी महत्त्व है। योग के प्रति जागरूकता बढ़ाने और योग का महत्व को समझाने के लिए हर साल योग दिवस मनाया जाता है। उन्होंने कहा- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय योग पद्दति को अंतर्राष्ट्रीय पहचान दिलाने के लिए 27 सितंबर 2014 में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की पहल की। जिसके बाद 21 जून 2015 को पहली बार 175 से अधिक देशों में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया। योग के फायदे बताते हुए उन्होंने कहा प्रतिदिन प्रात: काल योग अभ्यास से शारीरिक और मानसिक लाभ होता है। योग तनाव को कम करता है, बच्चों के मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक विकास के लिए फायदेमंद है। योग से शारीरिक और मानसिक एकाग्रता बढ़ती है। इससे लोगों को आंतरिक मन में झांकने तथा शारीरिक संरचना और विभिन्न अंगों को आपसी सामंजस्य के साथ कार्य करने मे बल मिलता है। वर्तमान में योग हमारी आवश्यकता बन चुकी है। इसके फायदे लोगों को आकर्षित करती है। योग भारत की प्राचीन परम्परा का एक अमूल्य उपहार है यह दिमाग और शरीर की एकता का प्रतीक है; मनुष्य और प्रकृति के बीच सामंजस्य है; विचार, संयम और पूर्ति प्रदान करने वाला तथा स्वास्थ्य और भलाई के लिए एक समग्र दृष्टिकोण को भी प्रदान करने वाला है।
मौके पर अध्यक्षता करते हुए विद्यालय के प्रधानाध्यापक दिलीप कुमार ने बच्चों को विभिन्न आसन व प्राणायामों के बारे में व उनसे होनेवाले लाभ के बारे में बताया। उन्होंने बच्चों को योग के बारे में विस्तार से बताया तथा योग से होने वाले शारीरिक, मानसिक एवं आत्मिक फायदों को गिनाया।विद्यालय के शिक्षक सुरेन्द्र कुमार ने अपना विचार प्रकट करते हुए बताया कि योग मन को शांत रखने का एक अभ्यास है।योग शिक्षक मुकेश कुमार ने कहा- योग हमारे दैनिक जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा है। यह अनादिकाल काल से जारी है और इस आधुनिक तकनीकी युग में भी काफी उपयोगी और प्रभावी साबित हुआ है।संचालय कर रहे विद्यालय के शिक्षक जितेंद्र कुमार मेहता ने कहा कि योग ही निरोग बनाएगा यह सत्य है। खासतौर से विगत दिनों में महामारी के चलते योग अधिक महत्वपूर्ण हुआ है। जो लोग योग करते हैं वह तमाम बीमारियों से दूर रहते हैं।शिक्षक सतीश कुमार ने बताया कि सभी लोगों को अपने जीवन की दिनचर्या में योग को अवश्य अपनाना चाहिए।शिक्षक अरविंद कुमार शुक्ला ने योग तथा आसनों के महत्व को समझाते हुए बताया कि योग तथा आसनों को प्रतिदिन नियमित रूप से करने से व्यक्ति निरोगी तथा स्वस्थ रहता है।इस अवसर पर शिक्षक सच्चिदानंद प्रसाद, मनुशेखर कुमार, सुरेश कुमार, अनुज कुमार, मो रिज़वान आफ़ताब, रणजीत कुमार सिन्हा, बाल संसद के प्रधानमंत्री रजनीश कुमार, शिक्षा मंत्री नीतू कुमारी, सोनाली कुमारी, स्नेहा कुमारी, चांदनी कुमारी, नन्दनी कुमारी, साजन कुमारी,स्नेहा कुमारी, अजय कुमार, खुशी कुमारी, मोहित कुमार, रोहित कुमार, आदित्य कुमार, काजल कुमारी, सोनम कुमारी, नन्दनी कुमारी, रुचि कुमारी, राजवीर कुमार सहित विद्यालय परिवार के समस्त विद्यार्थियों एवं शिक्षकों ने भी इसमें बढ़-चढ़ कर भाग लिया।